हरियाणा के हिसार में रहने वाले श्री नारायण, मुश्किल से 10-11 साल के थे, जब उन्होंने अपने पिता को खो दिया। मुश्किलें बहुत थीं, लेकिन श्री ने उन सभी को पार किया और अपनी पढ़ाई पूरी की। पर इसके बाद, एक आम मध्यम वर्गीय युवा की तरह नौकरी करने के बजाय, उन्होंने अपना बिज़नेस शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने सिर्फ 80 हजार रुपए की लागत से अपने शहद के बिजनेस (Honey Business) की शुरुआत की और आज उनका यही बिज़नेस उन्हें सालाना 15 लाख का मुनाफा देता है। यही नहीं, आज श्री ने अपने दम पर, सात-आठ लोगों को रोजगार भी दिया है।
पिता की मृत्यु के बाद, बड़ी बहन बनी प्रेरणा
26 वर्षीय नारायण ने, द बेटर इंडिया को बताया, “मैं शुरू से ही अपना बिजनेस करना चाहता था। मेरे पिता नहीं हैं, जब मैं सिर्फ छठी क्लास में था, तो सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। मेरी एक बड़ी बहन है, वह मुझे हमेशा जिंदगी में कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करती हैं। जब मैंने उनसे इसे लेकर बात की, तो उन्होंने कहा कि बिजनेस शुरू करने से पहले, उसकी पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर होगा। इसी सोच के साथ, 2017 में हिसार से बैचलर्स करने के बाद, मैंने जयपुर के एक कॉलेज में MBA में दाखिला ले लिया। यहां से 2019 में पास होने के बाद, मैंने अपनी पर्सनल सेविंग्स से ‘Advaitam Foods’ कंपनी की शुरुआत की। इसके जरिए मैं वैल्यू एडेड शहद का बिजनेस (Honey Business) करता हूं।”
श्री, पहले रेस्टोरेंट बिजनेस करना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने MBA किया, तो यहां मिले एक्सपोजर से उन्हें अहसास हुआ कि बिजनेस वास्तव में क्या होता है।
Honey Business ही क्यों?
श्री कहते हैं, “आज भारत में शहद के वैल्यू एडिशन पर ज्यादा काम नहीं हो रहा है। इसलिए, मुझे इसमें काफी संभावनाएं दिखीं। मैंने इसके टेस्ट डेवलपमेंट पर काम किया, जो लोगों को काफी पसंद आया है।”
फिलहाल श्री, हर तिमाही करीब 70-80 क्विंटल शहद का बिजनेस करते हैं, जिसमें करीब आधे का वैल्यू एडिशन होता है। उनके पास हनी विद कैरेमल, हनी विद पीनट बटर, कैंडी विद हनी जैसे सात-आठ तरह के वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स हैं। आज उनका बाजार हरियाणा के अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी है।”
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श्री नारायण शहद में काली मिर्च पाउडर, पिप्पली जैसे औषधीय तत्वों से सीतोपलादि चूर्ण भी बनाते हैं, जो खांसी, जुकाम, बुखार जैसे कई बीमारियों में कारगर है। वह कहते हैं कि यह उनका सबसे खास उत्पाद है और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने के लिए, वह आयुष मंत्रालय के साथ जल्द ही काम शुरू करने वाले हैं।
राह नहीं थी आसान
श्री बताते हैं, “शुरुआती दिनों में मेरे पास मार्केटिंग की कोई टीम नहीं थी। मैंने किताबों में जो पढ़ा, यह दुनिया उससे बिल्कुल अलग थी। टेस्ट डेवलपमेंट पर मुझे करीब 50 हजार का नुकसान हो गया। मार्केट में काफी पैसा फंस गया था। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोशिश करता रहा।”
श्री ने अपने Honey Business को 2019 के नवंबर-दिसंबर में शुरू किया था और मार्च में कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया। उस समय जब लोगों के लिए अपने बिजनेस को चलाना मुश्किल हो रहा था, तो उनके उत्पादों की मांग हर महीने दो से तीन गुना बढ़ गई। आज उनका, 12 से 15 लाख रुपए का सालाना टर्नओवर है।”
कैसे करते हैं बिजनेस
श्री, अपने उत्पादों में न कोई केमिकल इस्तेमाल करते हैं और न ही कोई प्रिजर्वेटिव। वह, हरियाणा के तीन-चार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हुए हैं। उनकी अपनी पैकेजिंग यूनिट भी है, जहाँ वह शहद खरीदने के बाद, उसे प्रोसेस करते हैं। ख़ास बात यह भी है कि उनकी यूनिट में प्लास्टिक के विकल्प के रूप में, बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है।
श्री के मुताबिक, शहद में वैल्यू एडिशन का काम आसान नहीं है और एक खास टेस्ट को विकसित करने के लिए, उन्हें काफी मार्केट रिसर्च करना पड़ा।
वह कहते हैं, “मैं टेस्ट डेवलपमेंट के लिए रेस्टोरेंट जाता था और उनसे मिले फीडबैक के आधार पर, फिर से कोशिश करता था। इसमें मेरा काफी मैटेरियल बर्बाद भी हुआ।”
वहीं, वह किसानों से शहद थोक में खरीदते हैं। जिससे किसानों को काफी फायदा होता है।
वह कहते हैं, “किसानों को कभी-कभी शहद बेचने में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन मैं उनसे एक बार में ही शहद खरीद लेता हूं, जिससे उनका कैश फ्लो बना रहता है। इतना ही नहीं, सीधे किसानों से जुड़े होने के कारण, हम उनसे अन्य शहद व्यापारियों के मुकाबले प्रति किलो 20 रुपए अधिक दर पर शहद खरीदते हैं। जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है।”
आज श्री का कारोबार इतना बढ़ चुका है कि उन्होंने सात-आठ लोगों को नौकरी भी दी है।
आईये जानते हैं उनसे कुछ खास टिप्स
श्री नारायण कहते हैं –
1. यदि कोई बिजनेस करना चाहता है, तो उन्हें सबसे पहले अपनी रुचि को पहचानना होगा। यदि किसी को फूड बिजनेस पसंद है, तो उन्हें इस फिल्ड से जुड़े कुछ अनुभवी लोगों से बात करनी चाहिए।
2. एक बार तय करने के बाद, टेस्ट डेवलपमेंट पर खास ध्यान देना चाहिए। यदि आपके उत्पाद का स्वाद खास होगा, तभी लोग आपको पसंद करेंगे।
3. टेस्ट डेवलपमेंट के अलावा, पैकेजिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि मार्केट में आपका पैसा न फंसे। यदि ऐसा होता है, तो आपको काफी दिक्कत हो सकती है।
4. अपना दायरा बढ़ाने के लिए, पहले एक शहर पर फोकस करें। जैसे कि उन्होंने शुरुआती दिनों में सिर्फ हिसार में पकड़ बनाने पर ध्यान दिया। एक बार स्थायी हो जाने के बाद, आप दूसरे शहरों में कोशिश करें।
5. अपने प्रोडक्ट रेंज पर ध्यान देना चाहिए। जैसे कि, उनके उत्पाद 20 रुपए से 500 रुपए के बीच के हैं। इससे छोटे-छोटे शहरों में अपनी पकड़ बनाना आसान हो जाता है।
6. जो भी शहद के बिजनेस में आना चाहते हैं, उन्हें इसके वैल्यू एडिशन पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि लोगों के बीच इसके इस्तेमाल को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।
संपादन- जी एन झा
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