अगर आपने भी हजारों लोगों की तरह इंडिगो फ्लाइट्स में ट्रैवल करने के दौरान रेडी टू इट पैकेज्ड फ़ूड का आनंद लिया है, तो आपको इसके लिए 78 साल की राधा डागा (Radha Daga) को धन्यवाद करना चाहिए। हममें से ज्यादातर लोगों ने उस Food Startup का नाम देखा तो होगा, लेकिन शायद ही कोई जानता होगा कि यह एक ऐसी महिला की कंपनी है, जिन्होंने इसकी शुरुआत उम्र के उस पड़ाव पर की थी, जब इंसान रिटायर होकर आराम करना चाहता है।
राधा, ‘त्रिगुणी ईज़ इट्स (Triguni Eze Eats)’ नाम की कंपनी चलाती हैं। आज ‘त्रिगुणी फूड्स’ के नाम से मशहूर इस कंपनी की शुरुआत करने से पहले, वह एक और सफल बिज़नेस चला रही थीं। लेकिन सालों से उन्हें फ़ूड से जुड़ा कोई व्यवसाय करने का मन था। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कई प्रयोग किए और आखिरकार 69 की उम्र में उन्हें, हेल्दी और बिना किसी प्रिज़र्वेटिव वाले पैकेज्ड फ़ूड बिज़नेस के जरिए सफलता मिल ही गई।
हालांकि, उनका ब्रांड अब एक दशक पुराना हो गया है और अच्छा मुनाफा भी कमा रहा है। इसके बावजूद, राधा आज भी बिना किसी गैंपिंग के रोज़ काम पर जाती हैं।
खाने से अपने इस खास लगाव के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं, “बचपन में मेरी माँ मुझे बुनाई, बागवानी और खाना बनाने की किताबें पढ़ने को देती थीं। मैं घंटों उन मैगज़ीन्स को पढ़ा करती थी और उनके सुन्दर चित्र मुझे बड़े पसंद आते थे। खाना बनाने का इतना शौक़ होने के बावजूद, मुझे किचन में कभी भी ज्यादा समय बिताने का मौका नहीं मिला।”
राधा में एक ऑन्त्रप्रेन्योर बनने के गुण हमेशा से थे। जिसका सारा श्रेय वह पांडिचेरी के अरबिंदो आश्रम में बिताए समय को देती हैं। वह कहती हैं, “वहां रहते हुए ही मैंने यह जाना कि अपने सपनों को कभी किसी सीमा में बांधना नहीं चाहिए।”
राधा ने अपने करियर की शुरुआत एक ट्रेवल एजेंसी में नौकरी करने से की थी। लेकिन तक़रीबन 40 की उम्र में उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद का बिज़नेस करने का फैसला किया और साल 1987 में एक कपड़ा निर्यात कंपनी – ‘चिमिस एक्सपोर्ट्स’ की शुरुआत की। उनका यह बिज़नेस काफी सफल रहा और वह बड़े गर्व के साथ कहती हैं, “मेरी फैक्ट्री में बना एक भी कपड़ा कभी किसी शिकायत की वजह से वापस नहीं आया।”
उन्होंने लोन लेकर अपनी गारमेंट फैक्ट्री की शुरुआत की थी और दिन-रात की मेहनत करके, उन्होंने उसे एक ऐसा बिज़नेस बना दिया, जहां एक समय पर हजार लोग काम कर रहे थे।
कैसे पूरा हुआ फ़ूड बिज़नेस से जुड़ने का सपना
राधा अपने काम से खुश थीं, लेकिन बचपन से जिस फ़ूड बिज़नेस से जुड़ने का सपना उन्होंने देखा था, वह अभी तक पूरा नहीं हुआ था। वह कहती हैं, “मेरे मन में हमेशा से यह यकीन था कि अगर मैं फ़ूड से जुड़ा कोई बिज़नेस करूं, तो वह जरूर सफल होगा। मैंने कई बिज़नेस आइडियाज़ पर काम किया और आखिरकार, रेडी टू इट पैकेज्ड फ़ूड का आइडिया मुझे सबसे अच्छा लगा। मेरा उदेश्य इस बिज़नेस से लोगों को होममेड भोजन का अनुभव देना था।”
साल 2010 में उन्होंने अपने गारमेंट फैक्ट्री के एक कमरे से छोटी सी शुरुआत की। उस समय उनके पास अलग से सेटअप करने या लोगों को काम पर रखने के लिए ज्यादा पूंजी नहीं थी। मात्र एक शेफ के साथ काम शुरू करने के कुछ ही समय बाद, जब राधा को यकीन हो गया कि यह बिज़नेस अच्छा चल सकता है, तो फिर उन्होंने धीरे-धीरे लोगों को काम पर रखना शुरू कर दिया। बस इस तरह 69 की उम्र में उनके धैर्य और विश्वास की नींव पर खड़ा हुआ ‘त्रिगुणी ईज़ ईट्स (Triguni Eze Eats)’ बिज़नेस। उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता, स्वाद और कीमत पर पूरा ध्यान दिया।

शुरुआत में उन्होंने प्रोडक्ट्स पर कई तरह के प्रयोग भी किए, उनमें से कुछ सफल हुए तो कुछ फेल। जैसे कि उनका इडली बॉक्स, लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आया। वहीं, लेमन राइस एक हिट प्रोडक्ट बना। बड़े गर्व के साथ राधा बताती हैं कि उनके इस फ़ूड बिज़नेस ने एक साल में ही एक करोड़ का टर्नओवर कमाया।
इंडिगो एयरलाइंस, त्रिगुणी का सबसे बड़ा ग्राहक है, जिसका उनके बिज़नेस में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। इंडिगो एयरलाइंस में उनका उपमा यात्रियों को बेहद पसंद आता है। इंडिगो ने तो इस प्रोडक्ट का नाम बदलकर मैजिक उपमा रख दिया है। इसके अलावा, उनकी हैदराबादी बिरयानी, दाल-चावल, पोहा, राजमा-चावल और यहां तक कि चिकन करी चावल भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
राधा ने बताया की फ्लाइट के साथ जल्द ही उनके प्रोडक्ट्स, ट्रैन यात्रियों के लिए भी उपलब्ध होंगे।
फ़िलहाल, उनके पास लगभग पंद्रह प्रोडक्ट्स हैं, जो लगभग छह महीने की शेल्फ लाइफ के साथ पूरे भारत में मिलते हैं। उनके फूड पैक की कीमत 80 रुपये से 120 रुपये के बीच होती है। आप इन्हें अमेज़न और उनकी कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से ऑर्डर कर सकते हैं।
त्रिगुणी में राधा के साथ काम करनेवाली पी. कृष्णा ने बताया कि वह इस उम्र में भी बहुत मेहनती, वक़्त की पाबंद और गुणवत्ता के लिए बहुत स्ट्रिक्ट हैं। उनके काम से उनकी उम्र का अंदाजा लगाना बिल्कुल मुश्किल है।
अंत में वह कहती हैं, “हां, मैं अट्ठहत्तर साल की हूं और मुझसे अक्सर पूछा जाता है कि मैं यह सबकुछ कैसे कर पाती हूँ? इस सवाल का मैं एक ही जवाब देती हूँ और वह है- “जुनून । खाना बनाना मेरा जुनून है और मैं बहुत खुश हूं कि मुझे इस पर काम करने का मौका मिल रहा है।”
यक़ीनन हर एक मामले में राधा एक बॉस लेडी हैं, जो हमें सपने देखने और इसे पूरा करने की प्रेरणा देती हैं।
मूल लेख- विद्या राजा
संपादनः अर्चना दुबे
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