Fortis अस्पताल, बसंत कुंज, दिल्ली के पल्मनॉलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. भरत गोपाल कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन स्तर में सुधार लाने संबंधित सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
मौजूदा समय में फिर वैश्विक महामारी से गुजर रही दुनिया एक और घातक वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। बीती शताब्दियों की महामारियों और उनसे उपजी तबाहियों के सबक हमारे सामने हैं, वही तो गर्दिश के इस दौर की नज़ीर हैं।
इतिहास में ऐसे कई वाकयात मिलते हैं जब महामारियों पर अंकुश लगाने के लिए संक्रमितों को स्वस्थ लोगों से अलग-थलग रखा जाता था। बेशक, मध्यकालीन यूरोप में स्वास्थ्यकर्मियों को बैक्टीरिया या वायरस की जानकारी नहीं थी लेकिन वे इतना समझते थे कि रोगी को शेष स्वस्थ आबादी से अलग रखकर, या कारोबारी के जरिए आने वाली वस्तुओं को नहीं छूने से रोगों से बचा जा सकता है।
हिप्पोक्रेट्स के महामारी वर्णन से हम समझ पाते हैं कि वे जीवाणु जो हजारों साल पहले इंसानी सभ्यता को झकझोर रहे थे, पूरी तरह कभी नष्ट हुए ही नहीं। वे सोए पड़े रहे थे प्रकृति की तहों में, चुप्पी ओढ़े रहे थे। और जब-जब मौका लगा, दुनिया पर कहर बरपा करने से बाज नहीं आए!