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1 करोड़ पेड़, 2500 चेक डैम: कैसे इस 86 वर्षीय व्यक्ति के दृढ़-निश्चय ने बदला गुजरात के 3 जिलों को!

Gujarat से ताल्लुक रखने वाले 86 वर्षीय प्रेमजी पटल ने अपने नेक इरादों से यहाँ के तीन जिलों, राजकोट, गोंडल और मांगरोल की तस्वीर बदल दी है। उन्होंने अब तक 1 करोड़ पेड़ लगाये हैं और लगभग 2500 चेक डैम बनाये हैं।

पुराने अख़बारों के इस्तेमाल से कैसे सजाए घर, सीखिए नासिक की इस गृहणी से!

Maharashtra में नासिक की एक गृहणी, मीना पाटनकर अख़बारों को रीसायकल करके क्रियात्मक और सुंदर हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बना रही हैं। उनकी बनाई पेपर की गुड़िया शहरभर में मशहूर है और लोग उन्हें इसके लिए ख़ासतौर पर ऑर्डर देने आते हैं।

भारत का पहला आर्ट डिस्ट्रिक्ट, जहाँ की हर दीवार पर सजाई गयी है एक अलग दुनिया!

By द बेटर इंडिया

2015 में शुरू हुए इस सफ़र में लोधी कॉलोनी में पिछले साल (2018) में तकरीबन 30 नई दीवारों पर काम हुआ था। इस साल मार्च के अंत तक स्‍ट्रीट आर्ट फेस्टिवल, 2019 के खत्‍म होने तक 50 नई रंग-बिरंगी दीवारें कुछ और घरों का हिस्‍सा बन चुकी होंगी। 

दिल्ली: इस सिपाही ने अपनी जान पर खेलकर बचायी नहर में डूबते बच्चे की जान!

By निशा डागर

2 फरवरी 2019 को दिल्ली के बवाना नहर में डूब रहे एक बच्चे को दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने अपनी जान पर खेलकर बचाया। ख्याला पुलिस स्टेशन के कोंस्टेबल राजकमल मीणा किसी केस के सिलसिले में यहाँ आये हुए थे और तभी उन्होंने देखा कि एक बच्चा बवाना नहर में गिर गया है। 

महाराष्ट्र: 7 किमी के घने जंगल को पैदल पार कर स्कूल जाने वाली निकिता को मिली इलेक्ट्रिक-साइकिल!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में रहने वाली एक नौवीं कक्षा की छात्रा, निकिता कृष्णा मोरे को अपने स्कूल जाने के लिए हर रोज़ 7 किलोमीटर लम्बा जंगल पार करना पड़ता है। उनकी इस परेशानी के बारे में पढ़कर पुणे के एक बिज़नेसमैन ने उन्हें साइकिल गिफ्ट की है। अब निकिता सुरक्षित और जल्दी स्कूल जा सकती हैं।

मुंबई : अपने पूरे दिन की कमाई की परवाह न करते हुए, एक बंदर की जान बचाने को निकल पड़े ये चार ऑटो चालक!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के मुंबई में चार ऑटो रिक्शा चालकों ने एक बन्दर की जान बचायी। इस बन्दर को इलेक्ट्रिक शॉक लगने के कारण बहुत गहरी चोट आई थी। बन्दर को दर्द और तकलीफ में देखकर ऑटो रिक्शा ड्राईवर दिलीप राय आयर उनके तीन दोस्त खुद को उसकी मदद करने से नहीं रोक पाए।

भारतीय रेलवे का सराहनीय कदम, पीरियड्स के दौरान की महिला यात्री की मदद!

By निशा डागर

बीते सोमवार को होसपेट पैसेंजर ट्रेन से एक यात्री, विशाल खानापूरे ने भारतीय रेलवे को ट्वीट किया कि उसकी एक दोस्त को पीरियड्स के चलते पैड्स और दर्द की दवा की जरूरत है। इस पर रेलवे अधिकारियों ने तुरंत उनकी मदद करते हुए लड़की के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध करवायीं।