कृषि विभाग भी कर रहा है जागरूक
बाराबंकी के उद्यान अधिकारी महेन्द्र कुमार का कहना है कि वे अपने जिले के किसानों को परंपरागत फसलों के अलावा औषधीय फसलों की खेती करने के लिए जागरूक करते हैं, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सके।
इसके बारे में आगे बात करते हुए वह बताते हैं, "खेती में मुनाफा कम होने के कारण कई किसान खेती छोड़ देते थे, जो कि कृषि के लिए अच्छी खबर नहीं थी। इसलिए विभाग ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाए। क्षेत्र में सतावर, सहजन और तुलसी की खेती भी बड़े पैमाने पर हो रही है और इन्हें बेचने के लिए किसानों को भटकना भी नहीं पड़ता है। कई किसानों ने इसकी शुरुआत की है। इसमें मुनाफा ज्यादा है और कीट व रोग भी नहीं लगते हैं।"
किसी भी किसान को औषधीय खेती से संबधित जानकारी चाहिए होती है, तो विभाग पूरी मदद करता है। साथ ही, तकनीकी जानकारी के साथ रख-रखाव और बाजार की भी पूरी जानकारी यहाँ दी जाती है। किसानों के लिए अब परंपरागत खेती के अलावा ये एक अच्छा विकल्प बन रहा है। बाजार में इसका रेट भी अच्छा है और बिक्री में भी दिक्कत नहीं आती है।
इस तरह की पहल यदि पूरे देश में हो, तो निःसंदेह किसान और किसानी का भविष्य उज्जवल होगा!
अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो इसके बीजों के लिए नजदीकी सीमैप के कार्यालय पर सम्पर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, सीमैप की वेबसाइट से भी ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। औषधीय फसलों की खेती से संबधित कोई जानकारी चाहते हैं तो महेन्द्र कुमार, कृषि अधिकारी, बाराबंकी से 8896542401 पर संपर्क कर सकते हैं।