लुधियाना, पंजाब के रहने वाले 39 वर्षीय बैंक क्लर्क अंकित गुप्ता ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक्स विधि सीखकर, अपने घर की छत पर यह सेटअप लगाया और आज वह हर महीने 40 हजार रुपए से ज्यादा की सब्जियां ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।
महाराष्ट्र में अहमदनगर के निघोज गांव की श्रद्धा धवन ने 11 साल की उम्र में परिवार के डेयरी फार्म की जिम्मेदारी उठाई थी। आज 6 लाख रूपये/ माह आय के साथ, दो मंजिला मवेशी शेड में 80 भैंसों के दूध से प्रति दिन 450 लीटर दूध बेचती हैं।
दूरदर्शन के एक कार्यक्रम से प्रेरित होकर, संजीव सिंह ने 1992 में मशरूम उगाना शुरू किया था और आज वह सैकड़ों टन मशरूम उगा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ‘पंजाब का मशरूम किंग' का ख़िताब मिल चुका है।
नवसारी, गुजरात के रहने वाले जाकिर हुसैन और शमशाद जाकिर हुसैन, जैविक तरीकों से गुलाब की खेती करते हैं और इसके फूल से गुलकंद, गुलाबजल और फेसपैक जैसे उत्पाद बनाकर ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं। इस काम से वह महीने भर में 25 हजार रूपये से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं।
केरल के मलप्पुरम के रहने वाले जमशीर को बचपन से ही खेती और पशुओं से खास लगाव था। इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद भी इसी में अपना कैरियर बनाने का फैसला किया। आज वह आधुनिक तरीके से डेयरी फार्मिंग कर, हर महीने एक लाख रुपये कमा रहे हैं। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी!
लातूर, महाराष्ट्र के किसान मकबूल शेख ने पुरानी बुलेट मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करके 10 एचपी बुलेट ट्रैक्टर का आविष्कार किया है और अब तक 140 किसान उनसे यह ट्रैक्टर खरीद चुके हैं।
सांगली, महाराष्ट्र में रहने वाले सचिन येवले और वर्षा येवले 'कृषिदूत एग्रो फार्म' ब्रांड के जरिये जैविक गुड़, मसाला गुड़, कैंडी, लॉलीपॉप और चाय बनाकर ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं।
महाराष्ट्र के रत्नागिरी के रहने वाले हरिश्चंद्र देसाई अपनी 13 एकड़ जमीन पर कटहल की खेती करते हैं। इतने बड़े पैमाने पर कटहल उगाने वाले वह राज्य के एकमात्र किसान हैं। लोग प्यार से उन्हें किंग ऑफ जैक फ्रूट के नाम से पुकारते हैं। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी!
तमिलनाडु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर जेगन विंसेंट, अपने 'फ्रेशरी फार्म्स' में 'एक्वापोनिक्स' तकनीक से खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें सालाना 45 टन मछलियों और हर महीने 4 टन सब्ज़ियों का उत्पादन मिलता है।