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Farmers Success Stories | Successful Farmers | Farming Tips

शिक्षक पति और ASI पत्नी का 'मैडम सर फार्म', जैविक तरीकों से उगा रहे हैं फसलें

By निशा डागर

हरियाणा में फतेहाबाद के रहने वाले शिक्षक प्रमोद गोदारा और उनकी पत्नी, ASI चंद्र कांता पिछले ढाई-तीन सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और अपने खेतों पर 'एग्रो-टूरिज्म' को विकसित कर रहे हैं।

नारियल के साथ आम, जायफल, हल्दी, काली मिर्च की Intercropping से हुआ 13 लाख का मुनाफा

By प्रीति महावर

राजस्थान के एटॉमिक पावर स्टेशन में एक ठेकेदार के तौर पर काम करनेवाले, एस शिवगणेश ने 2010 में नौकरी छोड़कर किसानी करने की ठानी। अब वह एक सफल किसान हैं। खेती में Intercropping से उन्हें सालाना 16 लाख रुपये की कमाई हो रही है।

ऑटोवाला बना लखपति बिज़नेसमैन, किसानों से मशरूम खरीदकर बनाते हैं फ़ूड-आइटम

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश में जौनपुर के रहनेवाले, 62 वर्षीय रामचंद्र दूबे पहले ऑटो चलाया करते थे, लेकिन पिछले चार सालों से वह किसानों से मशरूम खरीदकर उनसे खाने की चीज़ें बनाते हैं और लाखों का मुनाफा हैं।

1050 वर्ग फ़ीट में उगाते हैं मशरूम, हर महीने होती है 30 हज़ार की कमाई

By निशा डागर

जमशेदपुर के राजेश कुमार, पिछले लॉकडाउन से पहले अपनी नौकरी छोड़कर घर लौट आये थे। उन्होंने घर में ही मशरूम की खेती शुरू की, जिससे आज वह हर महीने अच्छी कमाई कर रहे हैं।

एक एकड़ के चौथाई हिस्से में लगाया ड्रैगन फ्रूट, कमाई पांच लाख रुपए से ज्यादा

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के किसान रविंद्र पांडेय ने ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती से आज अपनी अलग पहचान बनायी है।

मोबाइल गेम छोड़, बच्चों ने दिया किसान पिता का साथ, चंद महीनों में हुआ ढाई लाख का मुनाफा

By निशा डागर

हरियाणा में झज्जर के एक गाँव में रहने वाले कुलदीप सुहाग, अपनी दो एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं। इस काम में उनके घर के सभी छोटे-बड़े बच्चे उनकी मदद कर रहे हैं।

इस तकनीक से किया बूढ़े पेड़ों को जवान, सालभर में मिले 2 लाख किलो से ज्यादा आम

By प्रीति महावर

गुजरात के वलसाड में रहने वाले किसान राजेश शाह, ‘गर्डलिंग’ तकनीक से बूढ़े पेड़ों को फलदार बनाते हैं।

नौकरी छोड़, तीन भाइयों ने शुरू किया मोती पालन, गाँव के 180+ लोगों को दिया रोज़गार

By प्रीति महावर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गांव में रहने वाले तीन भाइयों, श्वेतांक पाठक, रोहित आनंद पाठक, मोहित आनंद पाठक और उनके चाचा, जलज जीवन पाठक ने गांव वालों की मदद करने के लिए, अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर, ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ की स्थापना की। यहाँ मोती पालन के ज़रिए वे, 180 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

बेकार पराली से उगाये मशरूम, कमाई बढ़कर हो गयी 20 लाख

By निशा डागर

ओडिशा में बारगढ़ जिले के गोड़भगा में रहने वाली जयंती प्रधान एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। जानिए कैसे, दूसरे किसानों के खेत से मिली बेकार पराली से उन्होंने अपने मशरूम की खेती को आगे बढ़ाया।