आखिर क्यों लाखों में बिकते हैं इस बागान के आम, किसान ने क्यों लगायी कड़ी सुरक्षा?

मिलिए जबलपुर में फलों की खेती से जुड़े 47 वर्षीय किसान संकल्प सिंह परिहार से, जिन्होंने कभी परिवार के खिलाफ जाकर खेती को अपनाया था और आज अपनी खेती को ही फायदे का बिज़नेस बना लिया है। उनके बागानों में देशी-विदशी कई दुर्लभ किस्मों के आम कड़ी सुरक्षा में उगते हैं।

Mango Farmer

गर्मियां, यानी आम के मौसम में जबलपुर से मात्र 20 किमी दूर, 47 वर्षीय संकल्प सिंह परिहार का आम का बगीचा है। यहां आम खरीदने और फार्म पर आम की किस्मों को देखने कई लोग आते रहते हैं। करीब चार एकड़ के उनके इस बगीचे में आम के हजारों पेड़ लगे हुए हैं, जिसमें लोकल मिलने वाली किस्मों के साथ-साथ, ऐसे-ऐसे दुर्लभ किस्मों के आम के पेड़ हैं, जिनका नाम हमने और आपने शायद ही सुना होगा।

हमारे देश की सबसे बेहतरीन आम की किस्म मल्लिका और परी के अलावा, उनके गार्डन में जापान के मियाजाकी आम भी मिलते हैं, जो भारत में हजारों रुपये किलो बिकते हैं। दुर्लभ किस्मों के पौधे उगाने के शौक़ीन संकल्प ने कई जगहों से खोजकर अपने बागान में इस बेहतरीन कलेक्शन को तैयार किया है। 

कभी पारम्परिक फसलों के साथ खेती की शुरुआत करनेवाले इस किसान ने जब से बागवानी वाली फसलें लगाना शुरू किया है, तब से न केवल आमदनी बढ़ी है, बल्की वह आस-पास के किसानों सहित देशभर में अपने प्रयासों के लिए मशहूर भी हो गए हैं।  

Sankalp a mango farmer
Sankalp Singh Parihar

कभी परिवार के खिलाफ जाकर शुरू की थी खेती 

वैसे तो संकल्प का परिवार सालों पहले खेती से ही जुड़ा था, लेकिन समय के साथ सबने गांव छोड़कर जबलपुर आकर बिज़नेस शुरू कर दिया। आज से करीबन 27 साल पहले जब संकल्प सिंह ने ग्रेजुएशन पूरा किया, तब उन्होंने अपने पुश्तैनी खेत में फिर से खेती करने का फैसला किया। लेकिन उस दौरान उन्हें खेती की कोई जानकारी नहीं थी। 

वह बताते हैं, “घरवालों ने तब मेरे इस फैसले का काफी विरोध भी किया, क्योंकि उस ज़माने में खेती को फायदे का काम नहीं माना जाता था। लेकिन मैंने अपनी जिद्द और शौक़ के कारण खेती करना सीखा।  उस समय इंटरनेट पर जानकारी नहीं मिलती थी, इसलिए मैं घूम-घूमकर किसानों से मिलता और मैंने कुछ पारम्परिक फसल जैसे गेहूं, चना, मक्का आदि उगाने से खेती की शुरुआत कर दी।"

धीरे-धीरे अपनी बागवानी के शौक़ के कारण, वह फलों की खेती की तरफ मुड़ने लगे। बागवानी के प्रति अपनी रुचि के बारे में बात करते हुए वह बताते हैं कि वह बचपन में अपने पिता के एक मित्र के घर में आम का पेड़ देखने जाया करते थे। तब से उन्हें शौक़ था कि उनके खेतों में आम के पेड़ लगें। इसी सोच के साथ, साल 2013 से उन्होंने जबलपुर के पास अपने एक छोटे से फार्म पर फल उगाना शुरू किया। 

फलों की खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा भी होने लगा, जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक अलग-अलग किस्मों के आम और दूसरे फल उगाना शुरू कर दिया।  

Growing world most expensive mango miyazaki

एक इत्तेफाक से मिला उन्हें दुनिया का सबसे महंगा आम 

उनके गार्डन में 24 किस्मों के आम उगते हैं, जिसमें आठ  हाइब्रिड विदेशी किस्में हैं। जिनको उन्होंने बाहर के देशों से मंगवाकर लगाया है। हाल में वह जापान की एक किस्म मियाजाकी उगाने के लिए देशभर में मशहूर हो गए हैं। बैगनी रंग का दिखने वाला यह आम अंतरराष्ट्रीय  बाजार में लाखों रुपए में बिकता है। 

आम की इस दुर्लभ किस्म को लगाने के पीछे की कहानी बताते हुए संकल्प कहते हैं, “साल 2016 में मैं,  हाइब्रिड नारियल के पौधे लेने चेन्नई जा रहा था। तभी यात्रा के दौरान मैं एक किसान से मिला और बातों-बातों में उन्होंने मुझे मियाजाकी आम के बारे में बताया। उन्होंने मुझे कुछ सैंपल देने का प्रस्ताव भी दिया। मुझे उनका नाम तक नहीं पता था, लेकिन इसके पीछे ईश्वर की मर्ज़ी थी और नसीब से मेरे पास इस दुर्लभ किस्म के आम आ गए।"

उन्होंने उसी ट्रैन यात्रा के दौरान ही पैसे देकर मियाजाकी आम के 100 पौधे खरीद लिए।  पिछले साल इन पेड़ों से अच्छी फसलें आनी भी शुरू हो गई हैं, लेकिन संकल्प इन्हें बेचने के बजाय इनसे और पौधे तैयार करने पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि समय के साथ यह आम भारतीय बाज़ारों में भी मिलें और आम आदमी भी इसे खरीद पाए।  

इस महंगे आम को उगाने के लिए उन्होंने अपने बगीचे की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि पिछले साल उनके ये आम चोरी हो गए थे, इसलिए उन्होंने इस साल इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा है। सिक्योरिटी गार्ड के अलावा, उन्होंने कुछ कुत्तों को भी अपने बागान की सुरक्षा में तैनात किया है, जो दिन रात आम का ध्यान रखते हैं।  

खेत में परोसते हैं सात्विक भोजन  

संकल्प को अपनी फसल बेचने कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने बताया, “लोग 200 किमी दूर से हमारे यहां आकर फल खरीदते हैं। हम देश के बाहर भी ये आम भेजते हैं। मेरे सारे आम, सीधा मुझसे मेरे ग्राहकों तक पहुंचते हैं।"

अपने बगीचे में आने वाले मेहमानों के लिए पिछले दो सालों से उन्होंने एक डे पिकनिक जैसी सुविधा भी तैयार की है। जहां लोग दिन भर अपने परिवार के साथ बगीचों में घूमते हैं, पारम्परिक देसी सात्विक खाना खाते हैं और प्रकृति का आनंद लेते हैं। यूं तो पूरे साल ही उनके खेत में लोगों का तांता लगा रहता है। खासकर गर्मियों में ज्यादा लोग आम की एक से बढ़कर एक किस्मों को देखने आते हैं।  

उन्होंने बताया कि खेत में बने सात्विक भोजन को लोग बेहद पसंद करते हैं। शहरों से कई लोग अब नियमित रूप से आने लगे हैं और जाते-जाते, अपने साथ एक पौधा ज़रूर ले जाते हैं। 

संकल्प के बगीचे में आपको आम के साथ-साथ, नौ किस्मों के अमरुद, दो किस्म के चीकू, सीडलेस जामुन, रोज एप्पल, अंजीर की दो किस्में , हाइब्रिड मौसम्बी और अनार सहित कई फलों के पेड़ दिख जाएंगे।  

यानी आप उनके पास किसी भी सीजन में जाएं,  आपको उनके फार्म पर खाने और खरीदने के लिए ताज़े फल मिल ही जाएंगे। आप संकल्प सिंह से बात करने या किसी तरह की जानकारी के लिए उन्हें 93403 08231 पर सम्पर्क कर सकते हैं। 

संपादनः अर्चना दुबे

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