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कुमार देवांशु देव

गन्ने की खोई से बने कप-प्लेट

आयोध्या के रहनेवाले वेद कृष्ण ने अपने पिता के गुजर जाने के बाद ‘यश पक्का’ की बागडोर संभाली। उन्होंने गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाकर किसानों और पर्यावरण, दोनों को फायदा पहुँचाया है।

दोस्त से लिए दो Bee Box से 2 करोड़ तक का सफर, पढ़िए पंजाब के इस इलेक्ट्रीशियन की कहानी

जसवंत सिंह तिवाना पंजाब के लुधियाना के रहनेवाले हैं। चार दशक पहले उन्होंने सिर्फ दो बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया था, लेकिन आज उनकी गिनती पंचाब के सबसे सफल मधुमक्खी पालकों में होती है। जानिए क्यों?

झपकी आते ही ड्राइवर को अलर्ट कर देती है यह मशीन

विशाखापट्टनम के रहने वाले प्रदीप वर्मा, रतन रोहित और ज्ञान साईं ने मिलकर ‘K-Shield’ नाम की एक ऐसी एआई डिवाइस बनाई है, जो गाड़ी और ट्रैफिक की हर एक्टिविटी को ट्रैक करने में सक्षम है।

गांव में लाइब्रेरी खोल हजारों छात्रों को दिखाई राह

उत्तर प्रदेश के बांसा के रहने वाले जतिन सिंह ने अपने गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक कम्युनिटी लाइब्रेरी की शुरुआत की। जानिए इससे हजारों छात्रों को कैसे फायदा हो रहा है।

गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाते हैं आयोध्या के कृष्ण, 300 करोड़ का है बिजनेस

आयोध्या के रहनेवाले वेद कृष्ण ने अपने पिता के गुजर जाने के बाद ‘यश पक्का’ की बागडोर संभाली। उन्होंने गन्ने की खोई से कप-प्लेट बनाकर किसानों और पर्यावरण, दोनों को फायदा पहुँचाया है।

हल्दी की खेती से तीन गुना अधिक मुनाफा कमा रहे हैं यह किसान, जानिए कैसे

पंजाब के चोगावान साधपुर गांव के रहने वाले यदविंदर सिंह हल्दी की खेती की खेती करते हैं। आज उनके उत्पाद भारत के कई राज्यों के अलावा अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी जा रहे हैं।

MNC में नौकरी छोड़ शुरू किया टेरेस फार्मिंग बिजनेस, जानिए क्यों!

जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।

सड़क हादसे से आहत तीन दोस्तों ने बनाई अनोखी मशीन, झपकी आते ही कर देगा अलर्ट

विशाखापट्टनम के रहने वाले प्रदीप वर्मा, रतन रोहित और ज्ञान साईं ने मिलकर ‘K-Shield’ नाम की एक ऐसी एआई डिवाइस बनाई है, जो गाड़ी और ट्रैफिक की हर एक्टिविटी को ट्रैक करने में सक्षम है।

भूंगा घर: गुजरात के गौरव की तस्वीर है घरों को बनाने की यह शैली

2001 में, गुजरात के भुज में आए भूकंप के दौरान सीमेंट से बने घर तो टूट गए थे, लेकिन ‘भूंगा’ शैली से मिट्टी से बने घरों को थोड़ा सा भी नुकसान नहीं हुआ था। जानिए कैसे?