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मिलिए ऐसी एक कलाकार से, जो सूखे फूल और पत्तियों को कला का रूप दे रहीं हैं। जी हाँ, बंगलुरु की सुभाषिनी चंद्रमणी, न केवल चित्रकार और कवियत्री ही नहीं बल्कि एक फोटोग्राफर भी हैं। इसके अलावा उन्हें बागवानी का भी शौक है। तो बस फोटोग्राफी और बागवानी के लिए अपने प्यार को कला के जरिये जोड़कर उन्होंने इसे एक अनोखा रूप दे दिया है।
इसी मिश्रण को उन्होंने 'गार्डन आर्ट' नाम दिया है। दरअसल, एक दिन सुभाषिनी एक औरत का स्केच बना रही थीं और अचानक, उन्हें ख्याल आया कि उस औरत को बहुत ही अलग-सी नथ पहनाई जाये। अगले ही पल, वे अपने घर के गार्डन में थीं, जहाँ से वे बोगेनविलिआ का फूल ले आयीं और उसे नथ की तरह सजा दिया। बस उसी दिन से शुरुआत हुई उनके गार्डन आर्ट की।
तो चलिए आज हम आपको सुभाषिनी के 'गार्डन आर्ट' की सैर पर ले चलते हैं;
1. पुष्पवीणा
2. म्हारे सिर की शान- पगड़ी
3. ग्रामोफ़ोन सुनियेगा?
4. नमस्कार! कैटरपिलर साहब
5. हैलो! मोहतरमा
6. ॐ गण गणपतैय नमः
7. थोड़ी-सी जमीं, थोड़ा आसमान!
8. द वर्ल्ड मैप (सतरंगी संसार)
9. जलपरी
10. मधुर सुना दो तान!
11. जय माँ दुर्गे!
आप उनका बाकी काम उनके ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट 'नीलावनम' मतलब नीला आसमान पर देख सकते हैं।
( संपादन - मानबी कटोच )
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