नीला के टैरेस गार्डन की सबसे खास बात यह है कि यहाँ पौधे उगाने के लिए वह मिट्टी की बजाय घर पर तैयार की गई कंपोस्ट का इस्तेमाल करती हैं। यह कंपोस्ट सूखे पत्ते, रसोई का कचरा और गोबर के मिश्रण से बनाया जाता है।
"अगर आपके आस-पास हरियाली है तो चाहे आप कितने भी तानव में हों, एक सकारात्मक ऊर्जा आपको ज़रूर मिलती है। यही सोचकर मैंने लाइब्रेरी में भी पेड़ लगाए ताकि वहां बैठकर पढ़ने वाले बच्चों का मन इन्हें देखकर शांत और खुश रहे।"
बैंगलोर की सुभाषिनी चंद्रमणी, जो न केवल चित्रकार, कवियत्री बल्कि एक फोटोग्राफर भी हैं। प्रकृति और फोटोग्राफी के जरिये वे कला को नई पहचान दे रहीं हैं। आप उनके काम के लिए उनकी 'गार्डन आर्ट' सीरीज देख सकते हैं।