हम सबने अपने घरों में दादी-नानी को केले, आलू के चिप्स बनाते देखा है। घर पर तैयार ये चिप्स, पापड़ बहुत समय तक चल जाते हैं जबकि इनमें किसी तरह का कोई ‘प्रेज़रवेटिव’ या ‘एडिटिव’ नहीं मिलाया जाता है। बरसों पुरानी इस तकनीक से प्रेरणा लेकर, हैदराबाद के अनुभव भटनागर ने अपना स्टार्टअप, Zilli’s शुरू किया है। वह प्राकृतिक, प्रेज़रवेटिव-फ्री और ग्लूटेन-फ्री खाद्य उत्पाद बना रहे हैं। उनके ये उत्पाद ‘रेडी टू कुक’ हैं, जिससे खाना बनाने की प्रक्रिया आसान और स्वस्थ हो जाती है।
अनुभव भटनागर ने द बेटर इंडिया को बताया, “मुझे कॉलेज के समय से ही खाना बनाने का शौक रहा है। लगभग दो-ढाई साल पहले एक दिन खाना बनाते हुए, मैंने ‘जिंजर-गार्लिक पेस्ट’ के पैकेट को ध्यान से पढ़ा और उसमें इस्तेमाल हुए इंग्रेडिएंट्स के बारे में जाना। मैंने देखा कि पेस्ट की शेल्फ-लाइफ बढ़ाने के लिए कई प्रेज़रवेटिव और एडिटिव इस्तेमाल हुए थे। उस समय मुझे लगा कि क्या ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे हम बिना कोई रसायन डालें अपने खाद्य उत्पादों की शेल्फ-लाइफ बढ़ा सकें। और बस उसी दिन से मेरा एक अलग सफर शुरू हो गया।”
इंजीनियरिंग से उद्यम तक
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से संबंध रखने वाले अनुभव ने 2012 में इंजीनियरिंग करने के बाद, हैदराबाद की एक कंपनी में काम करना शुरू किया। दो-ढाई साल नौकरी करने के बाद उन्होंने XLRI, जमशेदपुर से एक सर्टिफिकेट कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर नौकरी की। लेकिन साल 2018 में खाना बनाते हुए उनके मन में अचानक ख्याल आया कि उन्हें प्याज, लहसुन, अदरक, मिर्च और टमाटर आदि के प्रेज़रवेटिव-फ्री, और रेडी टू कुक उत्पाद बनाने चाहिए। इसके लिए उन्होंने हैदराबाद में Central Food Technological Research Institute (CFTRI) के रिसॉर्स सेंटर में संपर्क किया।
उन्होंने बताया, “मैंने उनसे पूछा कि क्या कोई ऐसा तरीका नहीं जिससे हम इन उत्पादों की शेल्फ लाइफ प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकें। वहां से मुझे इस बारे में काफी कुछ जानने-समझने को मिला। मुझे पता चला कि अगर आप किसी फल या सब्जी को ‘डीहाइड्रेट’ कर दें मतलब इससे नमी को सोख लें तो इनकी शेल्फ-लाइफ बढ़ जाती है। जैसे चिप्स और पापड़ आदि बनाने के लिए किया जाता है। फल-सब्जियों के ‘डीहाइड्रेट’ होने के बाद कोई फंगस या बैक्टीरिया इनमें नहीं लगता है और ‘एयरटाइट’ कंटेनर’ में इन्हें रखकर एक-दो साल तक इस्तेमाल में लिया जा सकता है।”
CFTRI के वैज्ञानिकों ने उन्हें अपने घर के माइक्रोवेव में ही प्रयोग करने के लिए कहा। उन्होंने प्याज के स्लाइस काटकर, इन्हें माइक्रोवेव में ‘डीहाइड्रेट’ करने की कोशिश की। लगभग एक-डेढ़ महीने बाद, उन्हें एकदम सही तापमान का अंदाजा हुआ, जिस पर प्याज ‘डीहाइड्रेट’ हो जाती है। “मैंने धीरे-धीरे अपने घर की किचन में ही प्याज और लहसुन को डीहाइड्रेट करके, इनका पाउडर बनाया और इस पाउडर का इस्तेमाल अपनी सब्जियों में किया। यह एक्सपेरिमेंट सफल रहा क्योंकि सब्जियों का टेस्ट बहुत अच्छा था,” उन्होंने कहा।
अनुभव एक साथ रिस्क नहीं लेना चाहते थे। इसलिए 2018 में उन्होंने ट्रायल के लिए अपना स्टार्टअप, ‘Kitchen D’lite’ शुरू किया, जिसे उन्होंने औपचारिक तौर पर रजिस्टर नहीं कराया था। क्योंकि वह पहले लोगों की प्रतिक्रिया देखना चाहते थे। अनुभव ने अलग-अलग सोसाइटी में होने वाले आयोजनों में अपने उत्पादों का स्टॉल लगाया। कई रिटेल स्टोर्स से भी संपर्क किया। ग्राहकों के फीडबैक और मांग के आधार पर उन्होंने प्याज और लहसुन के पाउडर के बाद और भी कई उत्पाद बनाए।
बनाते हैं 13 तरह के उत्पाद
अनुभव बताते हैं कि लगभग एक-डेढ़ साल में उन्होंने लोगों के बीच अपना एक नाम बना लिया। इसके बाद, 2020 की शुरुआत में उन्होंने अपने स्टार्टअप के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पर काम शुरू किया। लेकिन समस्या यह आई कि ‘Kitchen D’lite’ के नाम से मिलते-जुलते और भी कई संगठन थे। इसलिए उन्होंने अपना ब्रांड नाम ‘Zilli’s‘ रखा। इस नाम को अंग्रेजी के शब्द ‘Zillion’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘कई तरीकों से’। वह कहते हैं, “हमारे पाउडर कई तरह का खाना बनाने में काम आते हैं। साथ ही, कई उत्पाद ‘ब्यूटी इंडस्ट्री’ में भी इस्तेमाल होते हैं जैसे प्याज का पाउडर। इस तरह से इनके कई तरीके के उपयोग हैं।”
आज वह 13 तरह के उत्पाद बना रहे हैं, जिनमें- प्याज पाउडर, लहसुन पाउडर, अदरक पाउडर, काढ़ा मिक्स, हल्दी मिल्क मिक्स, कोलकाता झाल-मूरी मसाला, प्याज के फ्लैक्स (ड्राइड), और ड्राइड लहसुन आदि। उनके ये उत्पाद न सिर्फ भारत में बल्कि दूसरे देशों तक भी पहुँच रहे हैं। अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अपनी खुद की वेबसाइट के माध्यम से वह ऑनलाइन सेल करते हैं। साथ ही, हैदराबाद, चंडीगढ़, पंचकूला जैसे शहरों में लगभग 40 रिटेलर्स को भी उनके उत्पाद सप्लाई होते हैं। अनुभव का कहना है कि अब तक उनके ग्राहकों की संख्या 12000 तक पहुंच चुकी है।
गुरुग्राम की रहने वाली पल्लवी श्रीवास्तव कहती हैं, “मैं दो सालों से ये उत्पाद इस्तेमाल में ले रही हूँ। अब अगर घर में प्याज या लहसुन नहीं रहता है तो मुझे चिंता नहीं होती है। खासकर कि इस महामारी के समय में ये बहुत काम आये हैं। प्याज-लहसुन को काटने की मेहनत और समय दोनों बचता है। इसके अलावा, हल्दी मिक्स भी इम्युनिटी के लिए काफी अच्छा है। दूध में मिलाने के अलावा, मैं इससे अपने लिए ‘टर्मेरिक टी’ भी बनाती हूँ।”
हैदराबाद में अपना स्टोर चलाने वाली दीपिका कहती हैं, “हम पिछले एक साल से Zilli’s के प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं और ग्राहकों की प्रतिक्रिया बहुत ही अच्छी है। प्राकृतिक और प्रेज़रवेटिव-फ्री उत्पादों के लिए हमारे ग्राहक हम पर भरोसा करते हैं और Zilli’s भी उनको बेहद पसंद आया। साथ ही, ये ऐसे उत्पाद हैं जिनसे कुकिंग में आपके समय की बचत होती है।”
अनुभव के स्टार्टअप को “Atal Incubation Center ALEAP We-hub” के अंतर्गत इन्क्यूबेशन मिला है। इनकी तरफ से उन्हें मशीनरी का सहयोग मिल रहा है। और अपने स्टार्टअप के माध्यम से अनुभव, फिलहाल पांच लोगों को रोजगार दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी शुरुआत मात्र 30 हजार रुपए से की थी और आज हमारे स्टार्टअप का सालाना टर्नओवर 30 लाख रुपए से ज्यादा हो गया है। आने वाले समय में, मुझे उम्मीद है कि हम लगभग 30 शहरों में रिटेल स्टोर्स के माध्यम से अपने उत्पादों को पहुंचा पाएंगे।”
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दे रहे अनुभव भटनागर का काम काबिल-ए-तारीफ है। उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे। अगर आप उनके उत्पाद देखना या खरीदना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
संपादन- जी एन झा
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