सीमा पर हमारी रक्षा करता हर जवान हमारे आदर का पात्र है, पर इनमें से भी कुछ की कहानी इतनी प्रेरणा भरी होती है कि हम जीवन भर उसे भुला नहीं पाते।
ऐसी ही एक कहानी है सीआरपीएफ जवान बी. रामदास के जीवन की, जो इनके शौर्य और अदम्य साहस से भरी हुई है।

नवम्बर, 2017 में छत्तीसगढ़ के सुकुमा जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस हादसे में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए।
ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, 208 बटालियन कोबरा जवान और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम उप-कमांडेंट अम्बुज कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में किस्ताराम ज़िले में एक ऑपरेशन पर थी। जब टीम पुलिस स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर एक जंगल में निरीक्षण कर रही थी तब रामदास का पैर दबाव संचालित विस्फोटक उपकरण पर पड़ गया और जिसके चलते हुए विस्फोट में वो घायल हो गए।
रामदास को डॉ अनिल द्वारा शुरुआती उपचार दिया गया था, उस वक्त वह अपनी टीम के साथ किस्ताराम में मौजूद थे। रामदास के दोनों पैर गंभीर रूप से चोटिल हुए थे। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलिकॉप्टर से रायपुर भेज दिया गया।
ऑपरेशन के दौरान उनकी जान बचाने के लिए उनके दोनों पैरों को घुटने के नीचे से काटना पड़ा।
Wounded but NEVER defeated !
B Ram Das, #CRPF Commando who lost both his legs in IED blast by Naxals with his brave Commando wife.
For them country is ABOVE all
Salute to this inspiring patriot couple 🙏#NationFirst pic.twitter.com/ImBRnzO1qJ— Maj Surendra Poonia (@MajorPoonia) June 1, 2018
पर रामदास ने हार स्वीकार नहीं की और हाल ही में ठीक होने के बाद उन्होंने 208 कोबरा टीम में वापसी की है। रामदास और उनकी पत्नी की फोटो साँझा करते हुए मेजर सुरेंद्र पुनिया ने लिखा कि सैनिक घायल होते हैं पर हारते कभी नहीं। इनके लिए देश सबसे बढ़कर है।
( संपादन – मानबी कटोच )
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे।
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: