28 दिसंबर 2018 को सिक्किम में भारी बर्फ़बारी के चलते लगभग 2,500 टूरिस्ट नाथू ला और 17 मील क्षेत्र में फंस गये थे। इनके पास न तो किसी से सम्पर्क करने का कोई साधन था और साथ ही, खून जमा देने वाली ठंड में सभी यात्रियों का हौंसला भी जबाव देने लगा था।
जब इन लोगों ने जिंदा बच पाने की सभी उम्मीदें छोड़ दी, तो ऐसे में भारतीय सेना के जवानों ने इन्हें बचाने के लिए राहत बचाव कार्य शुरू किया। सैनिकों ने न सिर्फ़ इन यात्रियों को बचाया बल्कि इन सभी के रहने और खाने-पीने का भी इंतजाम किया।
इन यात्रियों में बच्चे, बड़े-बूढ़े सब शामिल थे। इनमें से 90 लोगों की तबीयत ख़राब होने की वजह से उन सभी के लिए एम्बुलेंस का इंतजाम करवा कर उन्हें तुरंत अस्पताल रवाना किया गया। भारतीय सेना ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर की।
#Relief #RescueOperation.#IndianArmy rescued more than 2500 civilians stuck in more than 400 vehicles around Nathula, Sikkim due to heavy snowfall. All were provided food, shelter & medical care last night. #AlwaysWithYou pic.twitter.com/FoaXnGNXQV
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 29, 2018
इस राहत-कार्य का नेतृत्व करने वाले ब्रिगेडियर जे. एस. धद्वाल ने कहा, “ये टूरिस्ट लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे हुए थे। उन्हें 9,000 फीट पर भारतीय सेना के बेस पर लाया गया, जहाँ उन्होंने रात बिताई।”
“अगर सेना वक़्त पर नहीं पहुंचती तो हमसे कई लोग आज जीवित नहीं होते। सैनिकों ने हमें रहने के लिए अपने बैरक दिए और हमारे साथ अपना खाना भी बाँटा,” एक टूरिस्ट ने बताया।
ट्विटर पर भी भारतीय सेना को काफ़ी सराहना मिल रही है। संदीप कुलकर्णी नामक एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “धन्यवाद, मैं उन फंसे हुए लोगों में से एक था और मैं भारतीय सेना का तहे दिल से शुक्रिया करता हूँ….. उन्होंने हमारी बहुत मदद की और अत्यधिक बिगड़े हुए मौसम में हमें बचाया!”
Thank you!🙏 I was one of those people and I am eternally grateful to Indian army and army unit at 17th mile area…they were super helpful and kept us alive in extreme weather conditions! Salute to their committment and selfless service!
— Sandeep Kulkarni (@SandeepD1234) December 29, 2018
यहाँ फंसे हुए एक यात्री आर्यन अहमद ने दार्जीलिंग क्रोनिकल के साथ एक ख़त के माध्यम से अपना अनुभव सांझा किया। उन्होंने लिखा, “हमें सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने (सैनिकों ने) अपने बिस्तर और स्लीपिंग बैग हमें दे दिए और खुद बाहर -9° तापमान में रहे। उन्होंने हमारे लिए जो भी किया, उसे बयान करने के लिए सिर्फ़ शब्द काफ़ी नहीं है। मैं यहाँ और देश भर के लोगों को बताना चाहता हूँ, कि मैं उनका बहुत-बहुत आभारी हूँ।”
तो वहीं एक और ट्विटर यूजर ने लिखा, “शुक्रिया, आपकी वजह से मेरा परिवार सुरक्षित है!”
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: