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IISc का आईडिया, बेकार सोलर पैनल को रिसायकल कर अब बनाए जा सकेंगे घर व फर्नीचर

By पूजा दास

सोलर पैनलों को रिसायकल करना बेहद मुश्किल है। ज्यादातर सोलर पैनल बेकार कचरे में ही जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है। हालांकि, बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science in Bengaluru ) की एक रिसर्च टीम यह पता लगा रही है कि क्या पुराने बेकार सोलर पैनलों का इस्तेमाल निर्माण सामग्री के रूप में किया जा सकता है।

बारिश का पानी नहीं जाता इस घर से बाहर, सोलर कुकर में बनता है, घर में उगी सब्जियों से सेहतमंद खाना

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के रविकला और प्रकाश बालिगा अपने घर में प्राकृतिक संसाधनों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग पर जोर देते हैं।

तवा से लेकर टेबल तक, इनका पूरा घर सजा है पुरानी बेकार चीज़ों से, आप भी सीखिए

By निशा डागर

बेंगलुरु की रहने वाली सुशीला राय एक होम बेकर और केक आर्टिस्ट हैं, लेकिन इसके साथ ही, उनके जानने वाले उन्हें 'जुगाड़ क्वीन' भी कहते हैं क्योंकि, पुरानी-बेकार चीजों को नया रूप देकर फिर से इस्तेमाल में लेने में वह माहिर हैं।

जानिए कैसे 14 साल के ऋषभ की एक पहल ने बचाया 70 लाख लीटर पानी

By निशा डागर

बेंगलुरु के 9वीं कक्षा के छात्र, 14 वर्षीय ऋषभ प्रशोभ, पिछले दो सालों से जल-संरक्षण पर काम कर रहे हैं और एक साल में वह 70 लाख लीटर पानी बचाने में सफल हुए हैं।

DIY वाटर फिल्टर बनाकर पीते हैं वर्षा जल, 6 साल में कभी नहीं खरीदा पानी

संपत, पिछले 6 वर्षों से बेंगलुरू के जक्कुर इलाके में रहते हैं, लेकिन यहाँ जल आपूर्ति की सुविधा नहीं थी। ऐसी स्थिति में, उन्होंने बोरबेल या टैंकर से पानी उपलब्ध करने के बजाय, इंटरनेट से जानकारी हासिल कर DIY विधि से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को विकसित करने का फैसला किया।

ट्रक ड्राइवर पिता का बेटा घरों में बाँटता था अखबार, CAT क्वालीफाई कर पहुँचे IIM Kolkatta

शिवा ने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं माना। उन्होंने कार धोने और फूल बेचने से लेकर रिटेल स्टोर में भी काम किया। पढ़िए उनके संघर्ष का यह सफ़र।

बेंगलुरु: शहर की आपाधापी के बीचों-बीच है बाँस और कार्डबोर्ड से बना यह प्राकृतिक स्कूल

स्कूल की बिल्डिंग में कॉलम इस तरह से डिज़ाइन किये गए हैं जिससे लगता है कि बच्चे एक पेड़ की नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं।

बेंगलुरु के इंजिनियर दोस्तों का कमाल, मछली के अपशिष्ट से उगा रहे साग सब्जियाँ!

“एक्वापोनिक्स में 25 प्रतिशत तेजी से उपज होती है। मिट्टी में पारंपरिक बागवानी की अपेक्षा इसमें 75 प्रतिशत कम पानी की खपत होती है। इसके अलावा इन इंजीनियरों ने इस सिस्टम को बाजार से आधी कीमत पर तैयार किया है।”

लॉकडाउन में बेंगलुरु में फंसे लोगों के लिए मसीहा बने मेजर आर्य!

गरीब परिवार, ट्रांसजेंडर व अफ्रीकी छात्रों समेत कमज़ोर वर्ग की महिलाओं की मदद की है मेजर आर्य ने।