राजस्थान कैडर की IPS अधिकारी अमृता दुहन उन सैकड़ों यूपीएससी उम्मीदवारों, खासकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाते हुए परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।
यह कहानी है, इंदौर के रहनेवाले कपिल बजाज की, जिन्हें जिम ट्रेनर ने उनके बौनेपन की वजह से ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और घर पर ही अपना 29 किलो वज़न कम कर लिया।
बिना किसी फैन्सी डाइट के आदित्य और गायत्री शर्मा ने किया गजब का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन। आज उनकी मेहनत और फिटनेस ने, उन्हें सेहतमंद के साथ फेमस भी बना दिया है।
बरेली के रहने वाले संजीव जिंदल को आज साइकिल बाबा के नाम से जाना जाता है। समाज में बदलाव लाने और अपना शौक़ पूरा करने का इतना बेहतरीन तरीका और ऐसी सोच बहुत कम ही देखने को मिलती है।
जब ट्विटर यूजर Avni Shah ने मुंबई के मीठीबाई कॉलेज के बाहर एक चाट बेचने वाले के संघर्ष की कहानी साझा की, तो उन्हें नहीं पता था कि यह इतना वायरल हो जाएगा। इसके बाद जो हुआ, वह वाकई दिल छू लेनेवाला है।
5 साल का अमित, अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने के लिए गुब्बारे बेचता है। मैकलोडगंज के पास भागसुनाग की सड़कों पर खड़े अमित के पांव में चप्पल नहीं है। लेकिन अपनी और दूसरों की परवाह इतनी कि खुद तो मास्क लगाया ही है, दूसरों से भी मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं।
मिलिए चंडीगढ़ की इन चार महिलाओं से, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया और साइकिलिंग करने की सोची। पिछले एक साल से ये तकरीबन हर दिन 30 से 40 किमी साइकिलिंग करती हैं।
अपने घर के आस-पास की जगहों पर तो सभी पौधे लगाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के धार जिले के अमृत पाटीदार पिछले 36 सालों से सार्वजनिक जगहों पर पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं।
चलिए आपको मिलाते हैं, अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा से, आज से तीन साल पहले वे 500 मीटर भी ठीक से दौड़ नहीं पाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिटनेस को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया, आज वे 50 किमी की दौड़ पूरी करने वाले अल्ट्रा रनर बन चुके हैं और अपने साथ कई और लोगों को भी प्रेरित कर रहें हैं।