फोटो: The Indian Express
जब भी कोई सरकार अपने नागरिकों के अधिकारों के हित में फैसला लेती है तो उसका हर फैसला देश के लोकतंत्र की मजबूती की तरफ होता है। ऐसा ही एक फ़ैसला दिल्ली सरकार ने लिया है, अपने नागरिकों के लिए। दिल्ली में अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस की बढ़ोतरी को लेकर काफ़ी परेशान रहे हैं और लम्बे अरसे से इसके ख़िलाफ़ विरोध भी कर रहे थे।
पर हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले ने लोगों को राहत दी, जिसमे 575 स्कूलों को बधाई हुई फ़ीस वापस देने को कहा गया।
अब दिल्ली सरकार ने भी इस ओर एक और बेहतर कदम उठाते हुए, प्राइवेट स्कूलों से अभिभावकों से ली हुई ज़्यादा फ़ीस को 9% ब्याज की दर से लौटने का आदेश दिया है। इस फ़ैसले के चलते दिल्ली के सभी 575 स्कूलों को नोटिस दिया जा चूका है।
एनडीटीवी की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार कुछ समय पहले फ़ीस बढ़ोतरी के मामले में दो स्कूलों को फ़ीस कम करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े हुए एक बच्चे को एक प्राइवेट स्कूल द्वारा किताबें और यूनिफार्म न दिए जाने पर उन पर कार्यवाही भी की गयी थी।
इस मामले में दिल्ली के सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "पहली बार देश में स्कूलों को अनुशासित किया गया है। किसी भी स्कूल को मनमाने ढंग से फ़ीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है। कई स्कूलों से बढ़ाई हुई फ़ीस को अभिभावकों को वापिस करवाई गयी है।"
हम दिल्ली सरकार के इस बेहतरीन कदम की सराहना करते हैं और उम्मीद है कि देश में बाकी जगहों पर भी स्कूल इससे प्रेरणा लेंगे और शिक्षा को एक व्यवसाय न बनाकर सेवा के तौर पर देखेंगे।
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