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गुजरात के भावनगर जिले के तलाजा गांव के रहनेवाले मुकेश धापा, तीन बच्चों के पिता हैं। वह पेशे से बढ़ई हैं, लेकिन अपनी कोई दुकान न होने के कारण, वह अपने बच्चों की परवरिश के लिए एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं।
38 साल के मुकेश को शुरू से ही पेड़-पौधों से खास लगाव था और वह इस दिशा में हमेशा कुछ करना चाहते थे। लेकिन कोई जमीन न होने के कारण, वह कुछ कर नहीं पा रहे थे।
फिर करीब चार साल पहले, एक दोस्त ने उन्हें फेसबुक के बारे में बताया और उन्हें अपने सपनों को जीने का नया जरिया मिल गया।
मुकेश कहते हैं, “मैं बिल्कुल भी पढ़ा लिखा नहीं हूं। लेकिन जब से मेरे पास स्मार्टफोन आया, मेरे लिए दुनिया को समझना आसान हो गया। इसके जरिए ही आज मैं हजारों लोगों को बागवानी में मदद कर पाने में सफल हूं।”
दरअसल, आज मुकेश को जब भी समय मिलता है, वह अपने पास के डूंगरी जंगल चले जाते हैं और वहां से दुर्लभ प्रजाति के बीजों को चुनकर लाते हैं। इन बीजों को वह देशभर के जरूरतमंद लोगों को सिर्फ 50 रुपये की कीमत पर देते हैं।
वह कहते हैं, “आज मेरे पास कैलाशपति और रूखड़ो जैसे सौ से अधिक तरह के दुर्लभ बीज हैं। मैं लोगों को गमलों में लगने वाले फूल और सब्जियों के बीज भी देता हूं। बीते चार सालों में मैंने 3000 से अधिक लोगों को बीज भेजे हैं। मैं लोगों से बीज के कोई पैसे नहीं लेता हूं। मैं उनसे बस कूरियर चार्ज लेता हूं।”
मुकेश को इस काम में अपने बच्चों और पत्नी का पूरा साथ मिलता है। उन्होंने अपनी इस पहल को 'वेजिटेबल सीड बैंक, तलाजा' नाम दिया है।
वह कहते हैं कि उन्हें इस काम से एक अलग तरह की संतुष्टि मिलती है। उन्हें खुशी है कि धरती को बचाने के लिए, वह लोगों की कुछ मदद कर पा रहे हैं।
वास्तव में, मुकेश की यह कोशिश उन लोगों के लिए एक उदाहरण है, जो समय की कमी के कारण पर्यावरण के प्रति अपना कोई योगदान नहीं दे पाते हैं। अगर आप मुकेश से संपर्क करना चाहते हैं, तो उन्हें नीचे दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
मुकेश धापा (वेजिटेबल सीड बैंक, तालाजा) - 9265651785
इनपुट्स - किशन दवे
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