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36 वर्षीय अज़ाकू धीरन, तमिल नाडु के अरियालुर की रहनेवाली हैं। अज़ाकू के पिता किसान हैं और खेती-बाड़ी का काम करते हैं। बचपन से ही अज़ाकू ने बेहद करीब से देखा कि अच्छी फसल पाने के लिए उनके पिता वर्मीकंपोस्ट घर पर ही बनाते आए हैं। कई बार वह भी इसे तैयार करने में अपने पिता की मदद करती थीं और यहीं से आगे चलकर उन्हें Business Of Vermicompostका आइडिया मिला।
हालांकि, अज़ाकू इस बिज़नेस की शुरुआत तब कर पाईं, जब उनकी शादी हो गई, बच्चे हो गए और वे स्कूल जाने लगे। तब अज़ाकू को खुद के लिए थोड़ा समय मिलने लगा और अपने इस समय को उन्होंने बागवानी में लगाना शुरू किया। वह घर पर कई तरह के फूल और सब्जियां उगाने लगीं। अपने होम गार्डन को हरा-भरा रखने के लिए, 2019 में उन्होंने वैसे ही वर्मीकंपोस्ट बनाना शुरु किया, जैसे उनके पिता बनाते थे।
वर्मी कम्पोस्टिंग, केंचुओं का इस्तेमाल करके खाद बनाने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
ये केंचुए रसोई के कचरे, जैसे- ऑर्गेनिक अपशिष्ट पदार्थों का भोजन करते हैं और 'वर्मीकास्ट' का उत्सर्जन करते हैं, जो नाइट्रेट्स और खनिजों जैसे फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर होते हैं। ये बेहतरीन ऑर्गेनिक खाद का काम करते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
लोगों का प्रतिक्रिया देख हो गई थीं निराश
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जब अज़ाकू ने अपने बगीचे में इस प्रक्रिया को लागू करने की कोशिश की, तो उन्होंने पाया कि पहले की तुलना में उपज जल्दी और बेहतर हो रही थी। फिर उन्होंने महसूस किया कि वर्मीकंपोस्ट तैयार करने के काम को Business Of Vermicompost में बदला जा सकता है।
हालांकि, अरियालुर के लोग वर्मीकंपोस्ट से ज्यादा परिचित नहीं थे। अज़ाकू याद करते हुए बताती हैं कि यहां तक कि जब वहां के लोगों ने उनके तीन बेडरूम वाले वर्मीकम्पोस्ट फार्म को देखा और फर्टिलाइजर के बारे में पूछताछ की, तो किसी ने भी इसे ट्रायल तक के लिए भी नहीं खरीदा।
अज़ाकू बताती हैं, "वे पूछते थे, 'नी एना पंड्रे? ( ये क्या कर रही हैं?)' और जब मैं उन्हें इस बारे में समझाती थी, तो उनका जवाब केवल 'अप्पड़िया (अच्छा)' होता था और वे वहां से निकल जाते थे।"
लोगों की ऐसे प्रतिक्रिया से अज़ाकू काफी निराश हुईं। लेकिन उन्हें पास ही के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) से काफी समर्थन मिला, जिसने उन्हे इस बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह बताती हैं, "केवीके के माध्यम से, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट को मेरे बिजनेस के बारे में पता चला और उन्होंने बाजार में बेचने के लिए खाद लेने की पेशकश की।"
Business of Vermicompost: ऑनलाइन सेल्स ने बदल दिया खेल
केमिस्ट्री में एमएससी ग्रेजुएट, अज़ाकू बताती हैं, “COVID-19 के कारण जब पहली बार लॉकडाउन लगा था तब, हमने चीजें खरीदने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करना शुरू किया था। एक दिन, मैं ऐसे ही ऑनलाइन 'वर्मीकम्पोस्ट' ढूंढ रही थी, तब मुझे कई विकल्प दिखाई दिए। बाद में, मैंने खुद को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक विक्रेता के रूप में सूचीबद्ध किया और वेबसाइट पर लिखी गई दूसरी सारी प्रक्रियाएं, जैसे- पैकेजिंग, फोटोशूट आदि पूरी की।
अज़ाकू ने अपने ब्रांड का नाम “सॉयल स्पिरिट” रखा, जिसके तहत वह अपने वर्मीकंपोस्ट बेचने के लिए तैयार थीं। अपना काम शुरु करके वह बेहद उत्साहित थीं और उन्हें काम से काफी उम्मीद भी थी। लेकिन काफी दिनों तक उन्हें वहां एक भी ऑर्डर नहीं मिला।
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वह कहती हैं, “ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस प्लेटफॉर्म पर बहुत कॉम्पिटिशन है।” लेकिन फिर पहले महीने में उन्हें चेन्नई से एक ऑर्डर मिला, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक पहुंचा दिया। अज़ाकू ने सुनिश्चित किया कि ग्राहक तक सबसे बढ़िया क्वालिटि की खाद पहुंचे। इसका परिणाम यह हुआ कि अमेज़न पर ग्राहक ने बढ़िया रिव्यू दिया।
अज़ाकू के Business Of Vermicompost को अब मिल रहे ढेरों ऑर्डर्स
उस एक ऑर्डर के बाद, धीरे-धीरे बिक्री बढ़ी और उन्हें बेंगलुरु, चेन्नई और केरल के कुछ हिस्सों के टैरेस गार्डनर्स से ढेरों ऑर्डर्स मिलने लगे। लेकिन रास्ते में अभी मुश्किलें और भी थीं। कुछ दूसरे बिक्रताओं ने अज़ाकू के प्रोडक्ट इमेज और डिटेल की नकल कर अपने कम गुणवत्ता वाले खाद को बेचना शुरु कर दिया।
इससे उनकी बिक्री में थोड़ी कमी आई। वह कहती हैं, “इस घटना के बाद मैंने अपना एक ट्रेडमार्क तय किया, लेकिन यह प्रक्रिया थका देने वाली थी। मुझे यह ऑनलाइन चल रहे मेरे ब्रांड के तहत भी नहीं मिला और फिर इसका नाम बदलकर 'एर्बोरियल' कर दिया।"
आज, अमेज़ॅन पर होने वाली बिक्री से ज्यादा, अज़ाकू को व्यक्तिगत संपर्कों से ऑर्डर मिलते हैं। अक्सर उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से ऑर्डर मिलते हैं।
महीने में करीब 210 किलोग्राम वर्मीकंपोस्ट बेचने वाली बिज़नेसवुमन कहती हैं, "बाद के स्टेज में एकमात्र चुनौती पार्सल प्रक्रिया थी। मुझे सबसे पास के पार्सल सर्विस तक पहुँचने के लिए गाँव से 20 किमी दूर जाना पड़ता है। मैं हमेशा प्रोडक्ट्स को ट्रांसपोर्ट करने के लिए दो या तीन लोगों को काम पर रखती हूं। आइटम ज्यादा से ज्यादा 10 दिनों के भीतर डिलिवर कर दिए जाते हैं।”
क्या है कीमत?
अज़ाकू के 5 किलो कम्पोस्ट की कीमत 120 रुपये है और वह इसी कीमत पर कोकोपीट और पॉटिंग मिक्स भी बेचती हैं। वह बताती हैं, “अपने इस बिज़नेस के ज़रिए, मैंने प्रति वर्ष 4 लाख रुपये तक कमाए। 1 लाख रुपये के निवेश के साथ शुरू किए गए बिज़नेस से 4 लाख रुपये कमाना मेरे लिए तो काफी बड़ी बात है।”
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अभी, उन्होंने अमेज़न के माध्यम से बिक्री से ब्रेक ले लिया है। अजाकू का कहना है कि व्हाट्सएप की बिक्री दिन-ब-दिन बढ़ रही है और उनके Business Of Vermicompost को इसके ज़रिए फायदा भी ज्यादा हो रहा है।
अगर आप घर पर वर्मीकम्पोस्ट बनाना चाहते हैं, तो अज़ाकू ने आपके लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- स्वस्थ कीड़े चुनना एक महत्वपूर्ण कदम है और वर्मीकंपोस्टिंग की शुरुआत आस-पास के किसानों या विशेषज्ञों की मदद से करें।
- अगला कदम उनकी देखभाल करना और उन्हें मुर्गियों व कुत्तों जैसे जानवरों से बचाना है। इन जानवरों की पहुंच से दूर बेड तैयार करें।
- कमरे का तापमान (25-27 डिग्री सेल्सियस) सही बनाए रखना ज़रूरी है। कीड़ों को सीधी धूप से दूर रखना चाहिए। उन्हें ढककर या फिर छाये में रखना बेहतर होता है।
- वर्मीकम्पोस्ट तैयार होने में 60-90 दिन लगते हैं।
- इसे अपने बगीचे में प्रयोग करें और पड़ोसियों/दोस्तों के साथ साझा करें।
अजाकू द्वारा तैयार किए गए वर्मीकम्पोस्ट और पॉटिंग मिक्स ऑर्डर करने के लिए +91 95853 40007 पर संपर्क करें।
मूल लेखः अनाघा आर मनोज
संपादनः अर्चना दुबे
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