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''अगर पूरी ईमानदारी से किया जाए, तो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होताI” यह कहना है साल 2018 में ‘मिस गोरखपुर’ रह चुकीं सिमरन गुप्ता काI सिमरन, दिल्ली और जयपुर जैसे बड़े शहरों में माॅडलिंग भी कर चुकी हैं I लेकिन कोविड की वजह से काम बंद होने के बाद सिमरन ने अपने सपनों को रोज़गार से जोड़ लिया और परिवार को चलाने के लिए ‘माॅडल चायवाली’ के नाम से अपनी चाय की दुकान खोल दीI आज चाय की दुकान से वह अच्छी कमाई कर रही हैं और अपना परिवार चला रही हैंI
गोरखपुर के सूरजकुंड मोहल्ले की रहने वाली 24 साल की सिमरन गुप्ता की शुरुआती शिक्षा अपने शहर में ही पूरी हुईI इसके बाद, उन्होंने गोरखपुर विश्व विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कियाI उन्हें बचपन से ही माॅडल बनना था, जब सिमरन ने यह बात अपने पिता को बताई तो उन्होंने बेटी को पूरा सपोर्ट कियाI पढ़ाई के साथ-साथ ही वह माॅडलिंग की तैयारी करने लगींI इसी दौरान साल 2018 में सिमरन ने ‘मिस गोरखपुर’ का ख़िताब जीता।
माॅडल चायवाली का आईडिया कैसे आया?
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द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “मिस गोरखपुर बनने के बाद मेरा मनोबल काफ़ी बढ़ गयाI इसके बाद मैं दिल्ली चली गई और मुझे माॅडलिंग के ऑफर भी आने लगे थेI मैंने कुछ ऐड्स में भी काम कियाI इस दौरान मेरा करियर काफ़ी बढ़िया चल रहा था, लेकिन फिर कोविड आ गयाI लॉकडाउन के चलते जब हर प्रोफेशन के लोगों पर असर पड़ा, तब मेरा भी काम ठप्प हो गयाI मजबूरी में मुझे वापस अपने शहर गोरखपुर लौटना पड़ाI”
सिमरन के सामने आर्थिक संकट भी आ गयाI मुश्किल हालातों के बीच मज़बूत इरादों के साथ उन्होंने अपने सपने को किनारे नहीं रखा, बल्कि अपने लिए एक रोज़गार खड़ा कर दिया। परिवार को चलाने के लिए ‘माॅडल चायवाली’ के नाम से दिग्विजय नाथ पीजी काॅलेज के सामने अपनी चाय की दुकान खोल दीI
उन्होंने बताया, “लॉकडाउन के चलते घर लौटने के बाद मेरे पास कोई काम नहीं थाI घर में कमाने वाली मैं अकेली थी, मेरा एक भाई है जो दिव्यांग हैI ऐसे में मैं काफ़ी परेशान रहने लगीI इसी दौरान मुझे बिजली विभाग में जाॅब मिल गईI कुछ महीने तो सब ठीक-ठाक रहा, लेकिन फिर सैलरी मिलने में परेशानी होने लगीI समय पर सैलरी नहीं मिलती थीI ऐसे में मैंने सोचा की पैसों के लिए ही मैं जाॅब कर रही हूं और समय पर पैसा नहीं मिल रहा, तो फिर ऐसी जाॅब का क्या मतलब? इसके बाद मैंने वह जाॅब छोड़ दी।”
बाक़ी चाय के स्टॉल से अलग है माॅडल चायवाली
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सिमरन ने बताया, “एमबीए चायवाला प्रफुल्ल बिलोरे और पटना की ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता से प्रेरित होकर मैंने चाय की दुकान खोलने का फैसला किया। जब मैंने यह बात अपने पापा को बताई, तो उन्होंने कहा कि बेटा जो तुम्हें अच्छा लगे वह करो, मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा I इसके बाद मैंने माॅडल चायवाली के नाम से अपना टी स्टाॅल शुरू कियाI”
सिमरन की दुकान पर मिलने वाली चाय थोड़ी अलग हैI दूध, चीनी और चाय पत्ती के अलावा, वह घर पर अपनी माँ के साथ मिलकर एक चाय मसाला तैयार करती हैं, जिससे चाय का स्वाद और भी बढ़ जाता है I इसके अलावा, चाय को पकाने के समय का भी वह पूरी तरह ख़्याल रखती हैंI
उनके स्टॉल पर मिलने वाली मसाला चाय के लोग दीवाने हैं और दर्जनों लोगों की भीड़ हमेशा उनकी दुकान पर रहती हैI सिमरन बताती हैं कि वह रोज़ाना 250 कप चाय बेचती हैं और एक कप की क़ीमत सिर्फ़ 10 रुपये हैI
‘माॅडल चायवाली’ स्टॉल सुबह सात बजे से शाम को सात बजे तक चलता हैI अक्सर उनके ग्राहक इससे पहले ही पहुँच जाते हैं और दुकान खुलने का इंतज़ार करते हैंI सिमरन, समाज के उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं, जो सोचते हैं कि कोई काम छोटा है या उनके लायक नहीं हैI
छोड़ा नहीं है मॉडलिंग करियर
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सिमरन कहती हैं, “किसी काम को करने के लिए मैं ज़्यादा सोचती नहींI मैं इस बात की चिंता नहीं करती कि लोग क्या कहेंगे! जब आप आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत होते हैं, तब कोई कुछ नहीं बोलताI लेकिन अगर आप कोई अलग काम करते हैं, तो लोग ताने देंगे। लोगों की बातों से मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ताI अगर इन बातों पर ध्यान देती, तो शायद अपनी चाय की दुकान नहीं खोल पातीI’’
उनका कहना है कि किसी भी हालात में इंसान को घबराना नहीं चाहिए और मुश्किल वक़्त में भी हिम्मत और धैर्य से काम लेना चाहिएI सिमरन ने अभी अपने माॅडलिंग करियर को पूरी तरह से छोड़ा नहीं हैI आज भी वह हर रविवार को शूट के लिए जाया करती हैंI
लेखकः चंद्रकांत मिश्रा
संपादनः भावना श्रीवास्तव
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