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150 रुपए से हुई थी सफर की शुरुआत, आज मुंबई में चलाती हैं 3 जाने-माने ब्यूटी सैलून

“मैंने कभी ब्यूटिशियन बनने के बारे में सोचा ही नहीं था। लेकिन ज़िंदगी अचानक से बदल गयी। शादी से पहले और शादी के पांच साल बाद तक जिंदगी बहुत अच्छी थी। किसी चीज़ की कोई कमी नहीं थी। लेकिन 1995 में हमें शेयर बाजार में बहुत बड़ा नुकसान हुआ और अचानक से सब कुछ बदल गया,” यह कहना है मुंबई में सैलून चलाने वाली संगीता पारीख का। कभी अपने बच्चों की फीस भरने तक के लिए पैसे उधार लेने को मजबूर संगीता आज मुंबई में तीन सैलून चला रही हैं। 

संगीता और उनके परिवार ने बुरे से बुरे हालात देखे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने दिन में 12 से 16 घंटे भी काम किया लेकिन अपने परिवार को आर्थिक तंगी से उबारा। आज वह मुंबई की जानी-मानी मेकअप आर्टिस्ट और हेयर स्टाइलिस्ट हैं। लेकिन एक समय ऐसा था जब संगीता ने सिर्फ शौक के लिए पार्लर का कोर्स किया था। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन इसी कोर्स से उनके लिए कमाई के रास्ते खुलेंगे। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए संगीता ने अपने जीवन के संघर्ष और सफलता के बारे में बताया। 

Sangeeta Parikh

संगीता कहती हैं, “हमारा काफी पैसा शेयर बाजार में डूब गया। भारी नुकसान हुआ। मेरे पति छोटे-बड़े काम कर रहे थे। लेकिन उससे परेशानी हल नहीं हो रही थी। हमारे सिर पर परिवार की जिम्मेदारी तो थी ही और साथ में कुछ लेनदारों को भी पैसे चुकाने थे। उस समय मैं कोई नौकरी नहीं करती थी और न ही कोई दूसरा काम। क्योंकि तब जरूरत ही नहीं थी। घर की आर्थिक तंगी में जब बच्चों की फीस तक भरना मुश्किल हो रहा था तो लगा कि अब बिना काम करे बात नहीं बनेगी। लेकिन सवाल यह था कि काम क्या किया जाए।”

मात्र 150 रुपए की कमाई से की शुरुआत 

संगीता ने बताया कि वह इसी सोच में थी कि क्या काम किया जाए? एक दिन उनकी एक सहेली उनके पास आई और उन्होंने बताया कि उनकी एक सैलून में अपॉइंटमेंट थी लेकिन वह कैंसिल हो गयी। उनकी बात सुनकर संगीता ने तुरंत पूछा कि उन्हें क्या करवाना है? उन्हें भी आईब्रो, फेसिअल आदि करना आता है। उस दिन उन्होंने अपनी सहेली को ये सर्विस देकर 150 रुपए कमाए। संगीता को लगा कि इस काम में वह आगे बढ़ सकती हैं और अपनी उसी सहेली के जरिए उन्हें और ग्राहकों से जुड़ने का मौका मिला। 

“हमारा दो बैडरूम, हॉल का फ्लैट था। उसमें मैं, मेरे पति, सास-ससुर और हमारे दोनों बेटे साथ रहते थे। मुझे काम करना था तो मैंने एक कमरे में एक आइना, कुर्सी और बेड लगाकर काम शुरू कर दिया। इस कमरे में दिन में पार्लर का काम चलाती थी। धीरे-धीरे मेरे आसपास के लोगों को भी मेरे काम के बारे में पता चलने लगा। मैं सभी ग्राहकों को अपना बेस्ट देने की कोशिश करती थी और इसलिए बहुत से लोग मुझसे नियमित तौर पर जुड़ गए,” उन्होंने बताया। 

The Family

उन्होंने अपने ससुर के सुझाव पर पार्लर का नाम ‘रीमा ब्यूटी पार्लर’ रखा और पांच सालों तक अपने घर के बैडरूम में ही पार्लर चलाया। संगीता कहती हैं कि उनकी राह आसान नहीं थी। उनके ग्राहक बढ़ रहे थे लेकिन फिर भी पांच-छह सालों तक उनकी ज्यादातर कमाई घर के खर्च और कर्ज चुकाने में गयी। इसलिए बहुत बार वह अपने परिवार की ख्वाहिशों से भी समझौता करती थीं। उनके बेटे विशाल कहते हैं, “हम दोनों भाइयों को बहुत कम उम्र से ही पैसे की और मेहनत की कीमत समझ में आ गयी थी। क्योंकि हमने देखा कि मम्मी सुबह से लेकर रात तक हमारे लिए मेहनत करती थीं। इसलिए हम जितना हो सके उन्हें सपोर्ट करने की कोशिश करते थे।”

इस दौरान, कई बार संगीता अपने बच्चों की अहम चीजों में उनके पास नहीं थी। वह बताती हैं, “एक बार मेरे छोटे बेटे की तबियत अचानक खराब हो गयी थी। डॉक्टरों ने कहा कि सुबह में उसकी सर्जरी करनी होगी। मैं पूरी रात उसके पास थी लेकिन सुबह साढ़े छह बजे मुझे एक ‘ब्राइडल मेकअप’ के लिए जाना था क्योंकि पहले से बुकिंग थी। उसी समय मेरे बेटे का ऑपरेशन होना था। अपने दिल पर पत्थर रखकर मैं उस काम के लिए गयी क्योंकि मैं क्लाइंट को उनकी शादी वाले दिन मना नहीं कर सकती थी। मुझे अपने बेटे के पास न होने का मलाल था पर मेरे बेटे ने कहा कि कोई बात नहीं मम्मा, आप जल्दी से काम खत्म करके आ जाओ।”

आज मुंबई में हैं तीन सैलून 

Her Team

संगीता ने दिन-रात मेहनत की ताकि वह अपने परिवार को भी संभाल सकें और अपना बिज़नेस भी चला सकें। उन्होंने बताया कि अपना बिज़नेस शुरू करने के पांच साल बाद उनकी ज़िंदगी थोड़ी सम्भलने लगी थी। इस बीच बहुत से बुरे पल आए जब उन्हें लगा कि अब क्या होगा? लेकिन उन्होंने न सिर्फ खुद को संभाला बल्कि अपने परिवार को भी संभाले रखा। वह कहती हैं, “मेरा मानना है कि किसी भी परिवार का केंद्र महिला होती है। अगर महिलाएं खुद को सशक्त और संभाले हुए रखती हैं तो परिवार बुरे से बुरा समय भी झेल जाता है। लेकिन अगर महिला हार मान ले तो बाकी सदस्य भी हार मानने लगते हैं। इसलिए मैं हर हालात में डटी रही और आगे बढ़ी।”

अपना पार्लर शुरू करने के लगभग 12 साल बाद, 2008 में रीमा ने पहली बार काम से ब्रेक लिया। इस ब्रेक टाइम में भी वह एक ख़ास हेयर और मेकअप कोर्स करने के लिए यूरोप गईं थीं। संगीता कहती हैं कि ब्यूटी इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा कम्पटीशन है और यहां खुद को बनाए रखने और आगे बढ़ने की सिर्फ एक ही कुंजी है और वह है कि आप खुद को अपग्रेड करते रहें। वह हमेशा कुछ न कुछ नया सीखती रहती हैं। आज भी वह नए-नए ट्रेंड्स के हिसाब से खुद को आगे बढ़ा रही हैं। 

Giving Services to Celebrities

फिलहाल, संगीता के मुंबई में तीन सैलून हैं। ‘रीमा ब्यूटी पार्लर’ के अलावा वह ‘रीमा द सैलून’ और ‘रीमाज़ मेकओवर’ भी चला रही हैं। अपने इन तीन सैलून में उन्होंने 12 लोगों को रोजगार दिया हुआ है। कभी 150 रुपए से अपना काम शुरू करने वाली संगीता का टर्नओवर आज लाखों में है। एक ग्राहक से उनकी संख्या 12000 ग्राहकों तक पहुंच चुकी है। वह सामान्य सर्विसेज के साथ-साथ ब्राइडल सर्विसेज और सेलिब्रिटी मेकअप सर्विसेज भी देती हैं। वह फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में काम करने वाली कई अभिनेत्री, गायिका की स्टाइलिस्ट भी रही हैं। 

संगीता कहती हैं कि आज वह अपने परिवार को एक बेहतर ज़िंदगी दे पा रही हैं। साथ ही, आज भी वह हमेशा आगे बढ़ने के बारे में सोचती हैं। आगे उनकी योजना अपनी अकादमी शुरू करने की है ताकि वह और भी लड़कियों को इस काम में ट्रेन कर सकें। दूसरी महिलाओं के लिए वह सिर्फ यही संदेश देती हैं, “मुझे लगता है कि हर एक लड़की और महिला को काम करना चाहिए। जरुरी नहीं कि जब जरूरत पड़े आप तभी कमाएं। बल्कि आपको अपनी खुद की एक पहचान, और आत्मविश्वास के लिए अपने पैरों पर खड़े होना चाहिए। इसलिए जिस भी चीज में आपकी रूचि है आप वह काम कीजिए। लेकिन काम जरूर करना चाहिए।”

संगीता पारीख से संपर्क करने के लिए आप उनका फेसबुक पेज या इंस्टाग्राम पेज देख सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

तस्वीर साभार: विशाल पारीख

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