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Home गार्डनगिरी 70 किस्म के टमाटर उगते हैं बेंगलुरु की इस छत पर, आलू-प्याज़ के अलावा कुछ नहीं आता बाज़ार से

70 किस्म के टमाटर उगते हैं बेंगलुरु की इस छत पर, आलू-प्याज़ के अलावा कुछ नहीं आता बाज़ार से

बेंगलूरु की प्रतिमा अदिगा पेशे से शेफ हैं और जब से उन्हें बाहर मिलने वाली सब्जियों के केमिकल के बारे में पता चला, तब से उन्होंने घर पर सब्जियां उगाना शुरू कर दिया। आज वह खुद के साथ-साथ शहर के 170 लोगों को गार्डनिंग सिखा रही हैं।

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pratima gardening

बैंगलुरु की प्रतिमा अदिगा  के घर में  टमाटर की 70 से ज्यादा किस्में, शकरकंद की आठ, लौकी की 29, अदरक की पांच और हल्दी की आठ किस्मों सहित सैकड़ों तरह की सब्जियां उगती हैं।  

अपने घर की 90 प्रतिशत सब्जियों की ज़रूरत वह इस गार्डन से ही पूरी कर लेती हैं। अपने परिवार के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्होंने नौ साल पहले घर पर सब्जियां उगाना शुरू किया था और तब से उन्होंने बाजार की केमिकल वाली सब्जियों और फलों को घर में लाना कम कर दिया। अब तो हाल यह है कि वह आलू, प्याज जैसी चीज़ें छोड़कर कुछ भी बाहर से नहीं खरीदतीं।  

उनके गार्डन में हर दिन 14 से 15 किस्म की सब्जियां उगती हैं, जिन्हें वह फ्रीज़ में स्टोर करके लंबे समय तक चलाती हैं। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि उनके पास बहुत बड़ा गार्डन या खेत है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। वह इतनी सारी सब्जियां अपने 900 स्क्वायर फ़ीट के टेरेस गार्डन में उगाती हैं।  

द बेटर इंडिया से बात करते हुए प्रतिमा कहती हैं, “समय और जगह की कमी तो आजकल हर एक शहरी इंसान की समस्या है। लेकिन अगर हम सही तरीके से प्लान करें, तो यह काम इतना मुश्किल भी नहीं है। लोगों को आश्चर्य होता है कि इतनी सारी किस्में मैं कैसे उगा सकती हूँ लेकिन इसके लिए मैं जगह और समय  के चुनाव पर विशेष ध्यान देती हूँ।"

Pratima Adiga At her terrace garden
Pratima Adiga

परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुरू किया था सब्जियां उगाना 

पेशे से शेफ, प्रतिमा कई टीवी शो में फ्रीलांस शेफ के तौर पर काम किया करती थीं। लेकिन अपने पति के ख़राब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने नौ साल पहले सब्जियां उगाने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने साल 2016 में डॉ. राजेंद्र हेगड़े और डॉ. विश्वनाथ की गार्डनिंग वर्कशॉप में भी हिस्सा लिया था, जिससे उन्हें कई तरह की जरूरी जानकारियां भी मिलीं। वहीं, समय के साथ खुद के अनुभवों से उन्होंने गार्डनिंग में अच्छी महारत हासिल कर ली है। 

गार्डनिंग की शुरुआत की बात करें, तो वह बताती हैं, “मैं बचपन से अपने पिता को गार्डनिंग करते हुए देखती थी। मेरे पिता सब्जियां उगाया करते थे। लेकिन शादी के बाद ससुराल में मेरी सास सजावटी पौधे ही उगा रही थीं। 16 साल पहले,  जब हम राजाजी नगर में बने अपने नए घर में शिफ्ट हुए, तब मैंने कुछ ऑर्नामेंटल पौधे लगाना शुरू किया था। लेकिन मेरे पति के कहने पर मैं कुछ पत्तेदार सब्जियां भी लगाने लगी।"

उनके पति को ह्रदय संबधी बीमारी थी। यह एक मुख्य कारण था, जिसकी वजह से उन्होंने घर में ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने पर जोर दिया। लेकिन वह कहती हैं कि इन सालों में घर में उगी सब्जियां खाने से उनके पति के साथ-साथ परिवार में सभी के स्वास्थ्य पर काफी अच्छा असर हुआ है। 

Terrace garden at Bengaluru
Terrace Garden

वह अपने घर के तीसरे और चौथे फ्लोर पर गार्डनिंग करती हैं और रीसायकल कंटेनर्स सहित बड़े ग्रो बैग्स का इस्तेमाल करके ज्यादातर सब्जियां उगाती हैं। प्रतिमा के कुछ दोस्त, उन्हें कई विदेशी बीज भी लाकर देते हैं। इस तरह से उनके गार्डन में आपको कई एग्ज़ॉटिक फल-सब्जियां मिल जाएंगी।   

पिछले साल,  उन्होंने अपने गार्डन से ही 23 किलो हल्दी और 30 किलो लौकी का उत्पादन किया था।  

किचन गार्डन के लिए घर में बनाती हैं खाद और कीटनाशक

अक्सर लोगों को लगता है कि गार्डनिंग करना एक महंगी हॉबी है। लेकिन प्रतिमा के अनुसार, हम किचन में मिलने वाली चीजों से ही अच्छी तरह से गार्डनिंग कर सकते हैं। प्रतिमा पिछले 10 सालों से घर पर कम्पोस्ट बना रही हैं। हालांकि शुरुआत में उन्हें कम्पोस्ट बनाने में कई दिक्क़तें आई थीं। लेकिन समय के साथ प्रयोग  करके उन्होंने इसमें सफलता हासिल कर ली। 

अब वह घर के किचन वेस्ट से ही बढ़िया खाद बनाती हैं। वहीं, वह शहर की गौशाला से गौमूत्र आदि लाती हैं, जिसका इस्तेमाल  वह कीटनाशक की तरह करती हैं।  

vegetables from kitchen garden
Vegetables From Terrace Garden

वह कहती हैं, “घर की खट्टी छास आदि का इस्तेमाल भी कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है।  इन देसी नुस्खों को आजमाने से गार्डन में कभी ज्यादा दिक्कत नहीं आती।" 

170 लोगों को गार्डनिंग सिखा रहीं प्रतिमा 

गार्डनिंग के अपने अनुभवों को और लोगों तक पहुंचाने के लिए, वह अक्सर प्रयास करती रहती हैं।  प्रतिमा 170 लोगों के एक ग्रुप की मेंटर भी हैं, जिन्हे वह किचन गार्डनिंग सिखाती हैं। वह कहती हैं कि इस ग्रुप में आने वाले सभी को सबसे पहले वह कम्पोस्ट बनाने को कहती हैं।

 इसके बाद पौधे उगाना और बीज बोना सिखाया जाता है। हाल में ये सभी 170 लोग, बेहतरीन तरीके से घर पर खाद भी बना रहे हैं और सब्जियां भी उगा रहे हैं।  

Terrace Gardening Training
During Gardening Training Program

प्रतिमा के अनुसार, अगर आप पहली बार गार्डनिंग कर रहे हैं, तो आपको पत्तेदार सब्जियों से शुरुआत करनी चाहिए। इसके बाद आपको कुछ आसान सब्जियां जैसे मूली, मिर्च, टमाटर आदि उगाना चाहिए।  एक साथ सभी सब्जियां उगाने पर कई बार लोग परेशान हो जाते हैं। इसलिए समय के साथ, धीरे-धीरे गार्डनिंग में आगे बढ़ना चाहिए।  

प्रतिमा कई कॉलेज और ऑफिस में गार्डनिंग की वर्कशोप लेने जाती रहती हैं। अपने बेहतरीन गार्डनिंग मॉडल के लिए उन्हें कई बार बेस्ट अर्बन गार्डनर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जिस तरह से उन्होंने अपने परिवार के लिए गार्डनिंग के शौक को अपनाया है,  यह साबित करता है कि वह सही मायने में एक अर्बन फार्मर हैं, जिससे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।  

हैप्पी गार्डेनिंग! 

संपादनः अर्चना दुबे

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