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Root Vegetables: सर्दियों में अच्छी सेहत के लिए घर पर उगाकर खाएं इन सब्जियों को

how to grow roots vegetables

पोषण से भरपूर Root Vegetables सर्दियों की सबसे अच्छी दोस्त हैं। ऐसी सब्जियां पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट से भरी होती हैं, साथ ही कैलोरी में कम होती हैं। इनमें ढेरों पोषक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर की पोषण की जरूरत को पूरा करते हैं। आलू, गाजर और प्याज इनके कुछ सामान्य उदाहरण हैं, जिनसे हम सभी परिचित हैं।

Root Vegetables वो सब्जियां होती हैं, जो एक पौधे की जड़ के रूप में जमीन के अंदर उगती और बढ़ती हैं। तकनीकी रूप से ये सभी जड़ें नहीं होती हैं। 

सालभर खाया जाने वाला आलू हो या किसी सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला प्याज, ये सभी पौधे के कंद ही हैं। वहीं सलाद में खाया जाने वाले गाजर, मूली और चुकंदर भी बड़ी पौष्टिक सब्जियां हैं।

गार्डनिंग करने वाले लोग विशेषकर सर्दियों में इन सब्जियों को उगाते हैं। सूरत में गार्डनिंग कर रहीं जागृति पटेल कहती हैं, “कंद वाली इन सब्जियों को घर पर बिना केमिकल के उगाकर ही खाना चाहिए। क्योंकि इन पौधों में अगर केमिकल वाली खाद डालेंगे तो सब्जियों में भी हानिकारक तत्व आ जाते हैं। मैं तो गाजर, मूली और शकरकंद जैसी सब्जियां घर में ही उगाती हूं। “

जागृति का कहना है कि कंद वाली सब्जियों को उगाने के लिए अच्छी धूप और बड़े गमले की जरूरत होती है। आजकल बाजार में Root Vegetables के लिए खास ग्रो बैग्स भी उपलब्ध हैं। जिसमें आपको पूरी मिट्टी निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। नीचे के भाग में एक चेन से आप जड़ों का विकास देख सकते हैं और इन्हें निकाल सकते हैं। 

Jagruti Patel

Root Vegetables को उगाने का तरीका

मूली 

सर्दी के मौसम में मूली की बात ही कुछ और होती है। मूली का पराठा कई घरों का पसंदीदा नाश्ता माना जाता है। मूली में विटामिन सी पाया जाता है, जो हमें संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। 

मूली उगाने के तरीके 

आप किसी चौड़े और बड़े टब में भी मूली उगा सकते हैं। जागृति कहती हैं कि इस root vegetables को उगाने के लिए सबसे पहले पॉटिंग मिक्स तैयार कर लें। इसके लिए 50 प्रतिशत सामान्य मिट्टी, 50 प्रतिशत वर्मीकम्पोस्ट या घर में बनी कम्पोस्ट और नीम की खली का उपयोग करें। 

अब आप बाजार से मूली के बीज खरीदें और सैपलिंग ट्रे में इसके छोटे-छोटे पौधे तैयार करे लें। वैसे आप इसे सीधे बड़े गमले में भी उगा सकते हैं।

एक इंच की दूरी पर सभी बीजों को लगाएं। कुछ दिन तक ऊपर से पानी का छिड़काव करते रहें। तक़रीबन 15 दिन में ये root vegetables अंकुरित हो जाएंगे, वहीं दो से ढाई महीने में आपके डाइनिंग टेबल के लिए मूली तैयार हो जाएगा। 

गाजर

लाल रंग के गाजर सर्दियों के दौरान खाने में कुछ ज्यादा ही स्वादिष्ट लगते हैं, इस समय गाजर का हलवा खाना किसे पसंद नहीं होता। गाजर में बीटा कैरोटीन होता है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है और आंखों की रोशनी में सुधार करता है। इसमें फाइबर भी होता है, जो पाचन को बढ़ावा देता है। 

जिस तरह आप मूली के लिए पॉटिंग मिक्स तैयार करते हैं, ठीक उसी तरह की तैयारी गाजर के लिए भी करें।

गाजर के बीज आकार में बिल्कुल छोटे होते हैं।  इसलिए सावधानी के साथ लगाना चाहिए।  

बीज लगाने से पहले मिट्टी को नरम कर लें,  इससे आपका काम आसान बन जाएगा।

गाजर का गमला जितना बड़ा होगा गाजर (Carrot Root Vegetables) उतनी ही लम्बी और अच्छी होगी। 

नियमित रूप से रोज पानी दें और महीने में एक बार वर्मीकम्पोस्ट दें।  

तक़रीबन तीन महीने में आप गमले से गाजर ले सकते हैं। 

प्याज

प्याज किसी भी भोजन का स्वाद बढ़ा देता है। यह पाचनतंत्र के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि लोग अक्सर इसे सलाद में शामिल करते हैं। प्याज उगाने के लिए ज्यादा बड़े कंटेनर की जरूरत नहीं होती है। जागृति कहती हैं कि प्याज के पौधे भी बीज से ही तैयार करना चाहिए। 

इसके लिए आप एक छह इंच का गमला लें। प्याज के बीज 10 से 21 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं। बीज से इसके पौधे बनने में आमतौर पर 50 से 75 दिन लगते हैं।  

वर्मीकम्पोस्ट और सामान्य मिट्टी से बने कम्पोस्ट में प्याज के बीज एक इंच की दूरी पर लगाएं। हर दिन गमले में हल्का पानी दें और ध्यान रहे कि गमले को पांच घंटे की धूप जरूर लगे। बीज से प्याज (onion root vegetables) बनने में तीन महीने लगते हैं। इस दौरान आप पौधे के पत्ते काटकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

चुकंदर 

मैजेंटा रंग की चुकंदर की जड़ें दिखने में जितनी अच्छी होती है स्वास्थ्य के लिए भी यह उतनी हुई भरपूर होती है। इसका एक गिलास रस पीने के बाद आप तरोताज़ा महसूस करते हैं। चुकंदर यानी बीट वसा में कम और पोषक तत्वों में उच्च होने के लिए लोकप्रिय है। यह रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। 

इसके बीज भी किसी नर्सरी में आराम से मिल जाते हैं। आप चाहें सीधे बाजार से चुकंदर (Beet Root Vegetables) के बीज खरीदकर ला सकते हैं। 

मूली और गाजर के लिए आप जिस तरह का पॉटिंग मिक्स तैयार करते हैं, इसके लिए भी वही इस्तेमाल करते हैं।  

बीज डालने से पहले मिट्टी को पानी डालकर नम बना लें और फिर मिट्टी में बीज डालें।  ध्यान रहे, हर बीज के बीच कम से कम एक इंच की दूरी हो।

अब ऊपर से कुछ मिट्टी डालकर इन्हें दबा दें, और थोड़ा पानी का छिड़काव करें।

24 दिन के अंदर बीज अंकुरित हो जाएंगे।

अब आप इस नन्हें पौध को किसी बड़े गमले या फिर अपने बगीचे की मिट्टी में लगा सकते हैं।

आप चाहे तो एक बड़े गमलें से सीधे इन बीजों को लगा सकते हैं। इसके लिए 15×15 का ग्रो बैग सही होता है।  

चुकंदर को ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती है। इसे ऐसी जगह पर रखें, जहां सिर्फ 4-5 घंटे की धूप आती हो। हफ्ते में सिर्फ एक बार पानी दें और घर पर बनी खाद का इस्तेमाल करें। पौधा जब बढ़ने लगे, तो उसके कुछ हफ्तों बाद ही, उसमें खाद डालें। 90 दिन के अंदर चुकंदर बढ़कर तैयार हो जाएंगे।

तो देर किस बात की, सर्दी के इस मौसम में आप भी अपने किचन गार्डन में उगाएं रूट्स वेजिटेबल्स।

संपादन- जी एन झा 

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