रंग-बिरंगी तितलियां किसे पसंद नहीं होतीं, जिसे दिखती हैं, उसका मन मोह लेती हैं। आप कहीं पार्क वगैरह में जाएं और कोई तितली दिख जाए, तो मानो दिन ही बन जाता है। लेकिन अगर कोई कहे कि उनके तो घर में ही तितलियों का आना-जाना लगा रहता है तो? बटरफ्लाई मॉम कही जाने वाली मुंबई की प्रियंका सिंह का फ्लैट तरह-तरह की तितलियों का ठिकाना है।
वह इन्हें बंद करके नहीं रखतीं, बल्कि उनके घर की बालकनी में उन्होंने अपने गार्डन को कुछ इस तरह तैयार किया है कि तितलियाँ यहाँ आती रहती हैं।
प्रियंका इन तितलियों के अंडे से लेकर रसपान तक का ख्याल रखती हैं। इनका पालन-पोषण करती हैं और जब ये बड़ी हो जातीं हैं, तो बाहर खुले आसमान में उड़ जाती हैं।
मूल रूप से वाराणसी की रहने वाली प्रियंका ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह प्रकृति के संरक्षक के तौर पर काम करेंगी और लोग उनसे तितलियों की देखभाल करना सीखेंगे।
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कैसे बनीं बटरफ्लाई मॉम?
प्रियंका का फ्लैट 13वीं मंजिल पर है और यहाँ पर उन्होंने अपने एक कमरे की खिड़की पर अच्छे पेड़-पौधे लगाए हुए हैं। उन्होंने अपनी बेटी को प्राकृतिक माहौल में बड़ा करने के लिए यह ऑर्गेनिक गार्डन तैयार किया है। वह घर के वेस्ट मैनेजमेंट का भी पूरा ख्याल रखती हैं।
एक दिन प्रियंका ने देखा कि उनके एक पेड़ की पत्ती को छोटा-सा कैटरपिलर खा रहा है। उन्होंने उसे वहां से हटाया नहीं। कुछ दिनों बाद उन्होंने देखा कि यह कैटरपिलर एक बहुत ही खूबसूरत तितली बन गया।
उस घटना के बाद, प्रियंका को तितलियों से इतना लगाव हो गया कि उन्होंने तितलियों के बारे में पढ़ना शुरू किया। प्रियंका के मुताबिक, उन्होंने अब तक लगभग 5000 तितलियों को पाला है। वह बताती हैं कि तितलियाँ कभी भी एक जगह नहीं टिकतीं।
वे उनके गार्डन में आती हैं, रसपान करती हैं और वहीं पर अपने अंडे देकर चली जाती हैं। उनके अंडों से कैटरपिलर बनते हैं और फिर नयी तितलियाँ। अगर उन्हें बढ़ने के लिए सही वातावरण न मिले, तो ये अंडे नष्ट हो जाएंगे। इसलिए प्रियंका इनका पूरा ध्यान रखती हैं।
आशा है, प्रियंका की तितली से यह अनोखी दोस्ती आपको जरूर पसंद आई होगी।
संपादन- अर्चना दुबे
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