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ख़त

तुम्हें नहलाना चाहती हूँ!

By मनीष गुप्ता

मैं उस ख़त को लेकर मुंडेर पर जा कर बैठ गया सुबह की चाय के साथ. वो बरसात का मौसम था. मुझे कहीं जाना नहीं था तो मैं बैठा ही रहा. बरसात बीती तो शिशिर आया. फिर शरद, बसंत, हेमंत, ग्रीष्म और फिर से वर्षा.

बेटी को खोने के बाद भी, पकिस्तान से इस पिता ने भेजा था भारत को प्यार भरा ख़त!

By मानबी कटोच

13 साल की अबीहा ने 7 मई 2015 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया। पकिस्तान लौटकर अबीहा के पिता, इमरान ने भारत के नाम एक धन्यवाद पत्र लिखा।