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भोपाल गैस त्रासदी : मौत से जूझते हुए भी इस स्टेशन मास्टर ने बचायी थी लाखों जिंदगियाँ!

By निशा डागर

2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए हादसों को हम 'भोपाल गैस त्रासदी' के नाम से जानते हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड पेस्टिसाइड प्लांट में से लगभग 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस निकली और पूरे शहर में फ़ैल गयी। इस दौरान एक स्टेशन मास्टर ग़ुलाम दस्तगीर की सूझ-बुझ ने अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।

26/11 : जन्मदिन पर खोया था पिता को; उनकी याद में आज संवार रहें हैं आदिवासी बालिकाओं का जीवन!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। चीफ टिकेट इंस्पेक्टर एस.के शर्मा की मौत के बाद उनके बेटे और उनकी पत्नी ने उनके नाम से आदिवासी लडकियों को शिक्षा देने के लिए एक संस्था शुरू की है।

26/11 : इस रेलवे एनाउंसर की एक घोषणा ने बचायी थीं सैकड़ों जिंदगियां!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई रेलवे एनाउंसर विष्णु दत्ताराम जेंदे ने उस दिन खतरे को भांपते हुए घोषणा कर लोगों को स्टेशन से बाहर जाने के लिए कहकर अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।

26/11 : 10 साल की इस बच्ची ने कसाब के ख़िलाफ़ गवाही देकर पहुँचाया था उसे फाँसी के फंदे तक!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई की देविका रोत्वानी को उस हमले में पैर में गोली लगी। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने अजमल कसब के खिलाफ गवाही दी थी।

तीन दिनों से लगातार केरल में बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगे हैं ये डॉक्टर पति-पत्नी!

By निशा डागर

बहुत ही नि:स्वार्थ हीरो हैं केरल के अलुवा से ताल्लुक रखने वाले डॉ नसीमा और उनके पति डॉ नजीब। जब बाढ़ पीड़ितों के लिए अलुवा के यूसी कॉलेज में राहत-शिविर लगाया गया तो बिना किसी स्वार्थ के इन दोनों पति-पत्नी ने लोगों की मुफ्त में सेवा करने का फैसला किया।