भुवनेश्वर में अपना खुद का फैशन ब्रांड, 'Lady Ben' चलाने वाली बेनोरिटा दाश शहर भर के दर्जी, बुटीक हाउस और कपड़ा फैक्ट्री में बचने वाले वेस्ट कपड़ो को इकट्ठा करके नयी-नयी चीज़ें बनाती हैं। उनके बनाए 'सस्टेनेबल' प्रोडक्ट जैसे बैग, ज्वेलरी, ड्रेस, कुशन कवर आदि की शहर में खूब मांग है।
दिल्ली में पली-बढ़ी, श्री सिस्टर्स- तरु श्री, अक्षया श्री और ध्वनि श्री, साथ मिलकर 'Silpakarman' नामक ब्रांड चला रही हैं, जिसके अंतर्गत वह बांस के बने मग, कप, फ्लास्क, डेकॉर और फर्नीचर आदि के साथ अब Bamboo Tea भी बना रही हैं।
गुरुग्राम के गौतम मलिक ने 2015 में अपनी माँ, डॉ. ऊषा मलिक और अपनी पत्नी भावना डन्डोना के साथ मिलकर 'जैगरी बैग्स' की शुरूआत की। वे पुरानी-बेकार सीट बेल्ट और कार्गो बेल्ट को अपसायकल करके, खूबसूरत और टिकाऊ बैग बना रहे हैं।
कर्नाटक के मंगलौर में रहने वाले 32 वर्षीय समरान अहमद, पुराने घरों और इमारतों से निकलने वाली सालों पुरानी लकड़ी की चीजों को फिर से इस्तेमाल करके, नया फर्नीचर और नयी उपयोगी चीजे बनाते हैं।
मुंबई के रहने वाले मिशाल पारदीवाला (34) और मिकाइल पारदीवाला (31), अपने ब्रांड ‘TreeWear’ के जरिए, लोगों के लिए इको-फ्रेंडली उत्पाद जैसे- टी-शर्ट, हैंड सैनिटाइजर, डियोड्रेंट, लिप बाम आदि बना रहे हैं। इसके साथ ही, यहाँ से की गयी हरेक खरीद का कुछ प्रतिशत 'पौधरोपण अभियान' के लिए जाता है।