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वीडियो : कारगिल शहीद कप्तान हनीफ उद्दीन की माँ का आप सबके लिए सन्देश!

By निशा डागर

साल 1999 के कारगिल युद्ध में राजपुताना राइफल्स के कप्तान हनीफ उद्दीन ने अपने सैनिकों की रक्षा करते हुए खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया था। हाल ही में, एक पत्रकार और लेखिका रचना बिष्ट रावत ने हनीफ की माँ हेमा अज़ीज़ के साथ उनकी मुलाकात के बारे में एक फेसबुक पोस्ट साँझा की।

देश की एकमात्र महिला कॉन्सटेबल जिन्हें मिला अशोक चक्र!

By निशा डागर

13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में पांच आतंकवादी मारे गये और दिल्ली पुलिस के छह अफसर, संसद में तैनात दो सुरक्षा अधिकारी और एक माली भी शहीद हुए। इन शहीद हुए लोगों में एक कॉन्सटेबल कमलेश कुमारी भी थीं, जो आज इकलौती महिला कॉन्सटेबल हैं जिन्हें अशोक चक्र से नवाजा गया।

26/11 : जन्मदिन पर खोया था पिता को; उनकी याद में आज संवार रहें हैं आदिवासी बालिकाओं का जीवन!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। चीफ टिकेट इंस्पेक्टर एस.के शर्मा की मौत के बाद उनके बेटे और उनकी पत्नी ने उनके नाम से आदिवासी लडकियों को शिक्षा देने के लिए एक संस्था शुरू की है।

26/11 : इस रेलवे एनाउंसर की एक घोषणा ने बचायी थीं सैकड़ों जिंदगियां!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई रेलवे एनाउंसर विष्णु दत्ताराम जेंदे ने उस दिन खतरे को भांपते हुए घोषणा कर लोगों को स्टेशन से बाहर जाने के लिए कहकर अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।

26/11 : 10 साल की इस बच्ची ने कसाब के ख़िलाफ़ गवाही देकर पहुँचाया था उसे फाँसी के फंदे तक!

By निशा डागर

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के दस साल बाद, आज द बेटर इंडिया उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो उस दिन बहादुरी से लड़े और वो लोग जिनकी लड़ाई आज भी जारी है। मुंबई की देविका रोत्वानी को उस हमले में पैर में गोली लगी। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने अजमल कसब के खिलाफ गवाही दी थी।

'मलकानगिरी का गाँधी' जिससे डरकर, अंग्रेज़ों ने दे दी थी फाँसी!

By निशा डागर

लक्ष्मण नायक का जन्म 22 नवंबर 1899 को कोरापुट में मलकांगिरी के तेंटुलिगुमा में हुआ था। वह भूयान जनजाति से संबंध रखते थे। उन्होंने आदिवासी आधिकारों के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह किया। बाद में वे कांग्रेस के अभियान से जुड़ गये। 29 मार्च 1943 को बेरहमपुर जेल में उन्हें फांसी दी गयी।

शहीद मेजर अक्षय की 5 साल की बेटी को ट्विटर पर मिली देश भर से शुभकामनायें!

By निशा डागर

हाल ही में, आर्टिस्ट हुतांश वर्मा ने दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की बेटी नैना अक्षय की एक प्यारी-सी तस्वीर साँझा करते हुए उसे जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद बहुत से लोगों ने तवीत को शेयर किया और नैना को बधाई देते हुए उसे ढेरों शुभकामनायें दी। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जानिए कौन था भारत का सबसे छोटा स्वतंत्रता सेनानी, मात्र 12 साल की उम्र में हुआ शहीद!

By निशा डागर

साल 1926 में उड़ीसा के ढेंकनाल ज़िले के नीलकंठपुर गांव में बाजी राउत का जन्म हुआ। उन्होंने बैष्णव पट्टनायक द्वारा स्थापित प्रजामण्डल संगठन की युवा विंग 'बानर सेना' को ज्वाइन किया। बाजी देश के लिए सबसे कम उम्र में शहीद होने वाला सेनानी था।

कप्तान हनीफ उद्दीन: वह कारगिल हीरो जिसने अपने सैनिकों को बचाने के लिए दी अपनी कुर्बानी!

By निशा डागर

कारगिल युद्ध में शहीद हुए गायक और जाबांज भारतीय सैनिक हनीफ उद्दीन का जन्म 23 अगस्त, 1974 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने आठ साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनके नफीस व समीर, दो भाई थे। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।