हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अर्श शाह दिलबगी ने महज 16 साल की उम्र में ‘टॉक’ नाम से एक ऐसे यंत्र को बना डाला था, जो एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस और पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों की वजह से अपनी आवाज खो बैठे लोगों को साँसों के जरिए बोलने में मदद कर सकती है।
समीर मदद के आए युवाओं से किसी प्रकार का कोई अग्रीमेंट साइन नहीं करवाते। वह सिटीजन और ह्यूमन वेलफेयर की सोच के साथ कार्य करते हैं और शायद इसलिए उनके मार्गदर्शन में सारे 8 स्टार्टअप्स सफल रहे हैं।