'डीहाइड्रेशन' की पुरानी तकनीक को इस्तेमाल करके हैदराबाद के अनुभव भटनागर ने अपना स्टार्टअप, Zilli's शुरू किया है। जिसके अंतर्गत वह प्राकृतिक, प्रेज़रवेटिव-फ्री और रेडी टू कुक प्रोडक्ट्स बना रहे हैं।
श्रीनगर में रहनेवाली 25 वर्षीया इंजीनियर, महक परवेज़ ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, घर पर ही तरह-तरह की डिज़ाइनर मोमबत्तियां बनाना शुरू किया था। अब अपनी बनाई मोमबत्ती को वह ‘shamaaque_by_mehak’ के जरिए ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं।
भुवनेश्वर में अपना खुद का फैशन ब्रांड, 'Lady Ben' चलाने वाली बेनोरिटा दाश शहर भर के दर्जी, बुटीक हाउस और कपड़ा फैक्ट्री में बचने वाले वेस्ट कपड़ो को इकट्ठा करके नयी-नयी चीज़ें बनाती हैं। उनके बनाए 'सस्टेनेबल' प्रोडक्ट जैसे बैग, ज्वेलरी, ड्रेस, कुशन कवर आदि की शहर में खूब मांग है।
बहुत से बच्चों के मन में बिज़नेस आइडियाज आते हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। पढ़िए यह लेख और जानिए कैसे आप कर सकते हैं अपने बिज़नेस आईडिया पर काम।
दिल्ली में पली-बढ़ी, श्री सिस्टर्स- तरु श्री, अक्षया श्री और ध्वनि श्री, साथ मिलकर 'Silpakarman' नामक ब्रांड चला रही हैं, जिसके अंतर्गत वह बांस के बने मग, कप, फ्लास्क, डेकॉर और फर्नीचर आदि के साथ अब Bamboo Tea भी बना रही हैं।
गोवा में रहनेवाले योगिता मेहरा और करण मनराल, पिछले 13 सालों से ऑर्गनिक किचन गार्डनिंग कर रहे हैं। इसके साथ, वे 'ग्रीन एसेंशियल' नाम से अपना गार्डन स्टोर भी चला रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के रहनेवाले कमर्शियल पायलट रजत जैसवाल और अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाले उनके दोस्त, फरमान बेग ने 2016 में 'Wat-a-Burger' ब्रांड की शुरुआत की थी, जिसके आउटलेट आज 11 राज्यों के 16 शहरों में हैं।
गुरुग्राम के गौतम मलिक ने 2015 में अपनी माँ, डॉ. ऊषा मलिक और अपनी पत्नी भावना डन्डोना के साथ मिलकर 'जैगरी बैग्स' की शुरूआत की। वे पुरानी-बेकार सीट बेल्ट और कार्गो बेल्ट को अपसायकल करके, खूबसूरत और टिकाऊ बैग बना रहे हैं।