बिहार के गया जिले के फतेहपुर गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति, साधु माझी ने न केवल अपने घर में शौचालय बनवाया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि गांव के बाकी लोगों को भी जागरूक किया जाये। आज यह गाँव खुला शौच मुक्त गाँव हैं और इसका पूरा श्रेय माझी को ही जाता है।