पूर्णिया, बिहार से ताल्लुक रखने वाले दिलीप साहनी जो कभी मखाना कृषि मजदुर के रूप में काम करते थे, आज उन्हें सिंगापूर की एक कंपनी संगम ग्रुप, स्टील कंपनी में आठ लाख सालाना वेतन की नौकरी मिली। दिलीप के मैकेनिकल इंजीनियर के सपने को पूरा करने के लिए उनके भाई और पिता ने उन का भरपुर साथ दिया।
गुलाम सरवर ने छत पर जो खेत तैयार किया है, उसमें दुर्लभ प्रजाति के मेडिसिनल प्लांट के साथ-साथ सपाटू, शहतूत, 32 मसालों की खुशबू वाला ऑल स्पाइस, नींबू, शो प्लांट, गुलाब के साथ-साथ चायनीज अमरुद समेत हर मौसम की सब्जी आपको मिल जाएगी।
अब वक्त आ गया है कि हम किसानी को एक पेशे की तरह पेश करें। दरअसल किसान को हमें केवल मजबूत ही नहीं बल्कि स्मार्ट भी बनाना होगा। वैसे यह भी सच है कि स्मार्ट सिटी की बहसों के बीच स्मार्ट किसान हमें खुद ही बनना होगा।