गुरुग्राम के गौतम मलिक ने 2015 में अपनी माँ, डॉ. ऊषा मलिक और अपनी पत्नी भावना डन्डोना के साथ मिलकर 'जैगरी बैग्स' की शुरूआत की। वे पुरानी-बेकार सीट बेल्ट और कार्गो बेल्ट को अपसायकल करके, खूबसूरत और टिकाऊ बैग बना रहे हैं।
गुरुग्राम में रहने वाली 14 वर्षीया सिमरन सिंह ने फरवरी 2021 में अपने स्टार्टअप 'सेफली नोमेडिक' (Safely Nomadic) की शुरुआत की, जिसके जरिए वह महिलाओं और बच्चों के लिए ट्रैवेलिंग किट तैयार कर ग्राहकों तक पहुँचा रही हैं।
जॉब जाने पर, गुरुग्राम की साक्षी गुहा ने अपनी माँ, दीपा गुहा के साथ मिलकर, ‘Bengali Love Cafe' शुरू किया। यहाँ आपको घर का बना, बेहद लज़ीज़ बंगाली खाना मिलेगा, जिसे आप ज़ोमैटो, स्विगी, मैजिक पिन, इंडिया मार्ट, बे, फटाफट जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी ऑर्डर कर सकते हैं।
लवप्रीत और उनकी पत्नी, प्रीति गुरुग्राम की भागदौड़ भरी जिंदगी को छोड़, उत्तराखंड के रामगढ़ में बस गए। जहां वह खेती करते हुए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं तथा अपने अनुभव को, अपने यूट्यब चैनल ‘पंजाबी ट्रेकर’ के जरिए लोगों से साझा कर रहे हैं।
हरियाणा के गुरुग्राम में एक दसवीं कक्षा की लड़की अपनी सहेली के घर से अपने पिता के साथ वापिस लौट रही थी। तभी दो लोगों ने उसे खींचकर कार में डाल लिया। लेकिन यहां पर इस लड़की ने पिता ने सूझ-बुझ से काम लिया और तुरंत अपनी बाइक पर कार का पीछा किया। उन्होंने अपनी बेटी को बचाया और शिकायत दर्ज करायी।
कैप्टेन इंद्राणी सिंह ने साल 1996 में हरियाणा के गुडगांव में लिटरेसी इंडिया एनजीओ शुरू किया। लिटरेसी इंडिया का मुख्य केंद्र आज गुरुग्राम के बजघेड़ा गाँव में है। इस एनजीओ का उद्देश्य गरीब बच्चों की शिक्षा की दिशा में काम करना था। इसके लिए उन्होंने ज्ञानतंत्र डिजिटल दोस्त उद्भव सोफ्टवेयर बनवाया है।
हरियाणा की चेतना सैनी ने अपनी शादी के पांच साल बाद फिर से बॉक्सिंग शुरू की है। हाल ही में उन्होंने जिला स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। उनके दो बच्चे भी हैं। लेकिन अपने परिवार की मदद से वे अपना सपना पूरा कर रही हैं। अब उनकी तैयारी नेशनल टूर्नामेंट खेलने की है।
हरियाणा के गुरुग्राम निवासी समीरा सतीजा ने 'क्रॉकरी बैंक' की एक बहुत अनोखी पहल शुरू की है। यह अनूठा बैंक लोगों को उत्सवों व समारोह के लिए स्टील के बर्तन उधार देता है और वह भी बिना किसी पैसे के। वे कंपट्रोलर एंड ऑडिट जनरल ऑफ़ इंडिया के ऑडिट विभाग में काम करती हैं।
उर्वशी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक फेसबुक पोस्ट उनके जीवन को बदल देगा |इनकी कहानी फेसबुक पर छा गयी और जल्दी ही इनके ठेले पर पूरे गुड गाँव से लोग आने लगे |