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उर्दू साहित्य

महिलाओं के मुद्दों को घर के चूल्हे-चारदीवारी से निकाल, चौपाल तक पहुँचाने वाली बेबाक लेखिकाएं!

By निशा डागर

द बेटर इंडिया पर, पढ़िए ऐसी कुछ लेखिकाओं के बारे में, जिनकी रचनाओं ने स्त्री के मुद्दों को घर के चूल्हे और चारदीवारी से निकालकर पुरुष-प्रधान चौपाल तक पहुँचा दिया। इनमें कृष्णा सोबती, अमृता प्रीतम, मृदुला गर्ग, कमला भसीन, इस्मत चुग़ताई, अनुराधा बेनीवाल और चित्रा देसाई जैसे नाम शामिल होते हैं!

इस्मत चुग़ताई : साहित्य का वह बेबाक चेहरा जिसे कोई लिहाफ़ छिपा न सका!

By निशा डागर

15 अगस्त 1911 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मी इस्मत चुग़ताई उर्दू साहित्य की महान लेखिका थीं। उनके द्वारा लिखे गये अफ़साने और कहानियों को आज भी पढ़ा जाता है। उनकी कहानी 'लिहाफ' को लेकर पुरे देश में बवाल मच गया था। फिर भी उनकी लेखनी का बेबाकपन कम न हुआ। 24 अक्टूबर 1991 में उन्होंने दुनिया से विदा ली।