महाराष्ट्र के एक गरीब किसान की बेटी, ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार ने कनाडा के अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में एमएससी के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन दिया और पहले ही एटेम्पट में इंटरव्यू में सलेक्ट हो गईं।
इंदौर की रहने वाली साक्षी बालदे ने महिलाओं को दुनिया की सैर कराने के लिए ‘लेट हर ट्रैवल’ की शुरुआत नवंबर 2018 में महज 5000 रुपए से की थी। आज उनका सलाना टर्न ओवर करीब 25 लाख रुपए है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी।
भारत में महिलाओं की स्थिति काफी सोचनीय है। उन्हें अपने घर से लेकर पूरे समाज में कई तरह की हिंसा और भेदभाव से गुजरना पड़ता है। लेकिन ‘ब्रेकथ्रू इंडिया संस्था’ ने अपने प्रयासों से समाज में एक नई उम्मीद कायम की है। जानिए कैसे!
भोपाल स्थित ‘कॉलेज खबरी’ कंपनी की संस्थापिका अर्शी खान महज 12वीं पास हैं। लेकिन, उन्होंने अपने हुनर और समझ से देश के हजारों छात्रों के करियर को एक नई दिशा दी।
दिल्ली में पाँच महिलाओं ने मिलकर ‘काकुल’ नाम से एक ऐसे मंच को शुरू किया, जहाँ न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल और हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है, बल्कि इससे दूसरी महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। पढ़िये एक प्रेरक कहानी।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, आर्किटेक्ट अनघा जोशी और मधुरा जोशी ने आम लोगों की आर्किटेक्चर से संबंधित परेशानियों को हल करने के लिए, अपनी कंपनी Lab A+U की शुरुआत की। जिसके तहत वे अभी तक करीब 60 परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं।
यह कहानी है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली वीरांगना, मातंगिनी हाजरा की, जिन्हें गाँधी बूढ़ी या ओल्ड लेडी गाँधी के नाम से भी जाना जाता है।