भारत में, लगभग सभी स्कूली बच्चों, 74% गर्भवती महिलाओं और 67% तक शिशुओं में विटामिन डी की कमी है। हम में से अधिकांश लोग घर के अंदर ही काम कर हैं, जिससे हमारे शरीर को उचित मात्र में यूवीबी किरणें नहीं मिल पाती।
मुंबई के शशांक मोधिया ने साल 2019 में अपने स्टार्टअप 'द रीनल प्रोजेक्ट' की शुरुआत की और इसके तहत वह टियर II और टियर III शहरों में रहने वाले 150 किडनी मरीजों को नियमित रूप से किफायती डायलिसिस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
"हम एक बार फुल बॉडी सूट पहन लेते हैं तो पूरी शिफ्ट के दौरान आठ घंटे इसे पहने रहते हैं। यह एक तरह का स्पेससूट जैसा होता है, जो एयरटाइट होता है। इसके बाद ना तो हम कुछ खा-पी सकते हैं, ना वॉशरूम जा सकते हैं और ना ही थोड़ी देर के लिए इसे उतार सकते हैं, और इस तरह हमलोग आइसोलेशन वार्ड के अंदर मरीज़ों की देखभाल करते हैं।”