सोख समुंदर यानी जलकुंभी (Jalkumbhi को एक बेकार जलीय पौधा माना जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुण डायबिटीज से लेकर कैंसर तक में कारगर है। जानिए इसे गमले में उगाने का तरीका।
इंदौर में रहने वाली 65 वर्षीया चेतना भाटी को बचपन से ही बागवानी से काफी लगाव था। उन्होंने टेरेस गार्डनिंग की शुरुआत, 4 साल पहले सात-आठ फूलदार पौधों से की थी और आज उनके पास 150 से अधिक पौधे हैं। पढ़िए बागवानी की यह प्रेरक कहानी!
हर घर में खाया जाने वाला, सुपर फूड केला हमारे स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, इसके छिलके भी कम गुणकारी नहीं हैं। केले के छिलके से बनाई गई खाद, पौधों के विकास के लिए बहुत अच्छी होती है। चलिए जानें, क्या है इसे बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका।
मुंबई की ‘Emgee Greens society’ पिछले दो साल से कचरा मुक्त है। उन्होंने पुरानी अलमारियों और सिंक तक को रीसायकल कर जैविक पौधों के लिए इस्तेमाल किया है और छत पर उगाई गई सब्जियों का उपयोग पूरी सोसाइटी कर रही है।
मुंबई की प्रीति पाटिल बता रही हैं कि कैसे मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की रसोई से निकलने वाले जैविक कचरे को डिस्पोज़ करने के लिए, उन्होंने इसकी छत पर ही टैरेस गार्डनिंग शुरू की और 116 पेड़-पौधे लगा दिए।