तमिलनाडु के पुदुपलायम में रहने वाले 70 वर्षीय आर गुरुसामी ने 1998 में अपनी गायों और बकरियों के साथ तीन हिरणों को चरते देखा। इसके बाद उन्होंने हिरणों को आसरा देने के लिए अपनी 50 एकड़ जमीन खाली छोड़ दी। आज वहां करीब 1800 हिरण रहते हैं। पढ़िए इंसानों और बेजुबानों के बीच जद्दोजहद की यह प्रेरक कहानी!