साल 2016 में मथुरा के रहनेवाले सिकांतो मंडल ने ‘स्वच्छता कार्ट’ का आविष्कार किया था। कूड़ा बीनने वाले इस मशीन के लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित भी किया गया था। पढ़िए इनोवेशन की यह प्रेरक कहानी!
जिस उम्र में बच्चों का ध्यान केवल और केवल खेलकूद और मनोरंजन में रहता है, ऐसी उम्र में झारखंड की इस बच्ची ने गुल्लक में पैसे इकट्ठा कर 10 शौचालय का निर्माण करा चुकीं हैं।
लोगों को कचरा न फेंकने के लिए समझाना बहुत ही मुश्किल काम था। अगर उन्हें रोका जाता तो वे उल्टा डॉ. अग्रवाल से ही बहस करते कि अगर यहाँ न फेंके तो कहाँ फेंके?