70 साल की कंचन परुलेकर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर के एक संगठन, स्वयंसिद्ध का संचालन करती हैं और इसके ज़रिए उन्होंने करीब 29 सालों में 20 हज़ार से भी अधिक महिलाओं को उद्यमी बनाने का काम किया है।
केरल में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक केवी शशिधरण अब तक 100 से ज्यादा जैविक और इको-फ्रेंडली 'ग्रो ट्रे' बना चुके हैं, जिनमें वह बीज से पौध तैयार करते हैं और फिर इन्हें सीधा गमलों में लगा देते हैं!
'मिट्टी कैफ़े' की सबसे पहली स्टाफ कीर्ति ने जॉब के पहले दिन ही ग्राहक को चाय सर्व करने से पहले दो बार कप गिराया था। लेकिन आज कीर्ति यहाँ पर 4-5 स्टाफ को मैनेज करती हैं!