हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में सिरकोट गाँव के रहने वाले 55 वर्षीय जगदीश चंद्र कुनियाल ने पिछले 30 सालों में लगभग 15000 पेड़-पौधे लगाकर, गाँव के पुराने झरने को एक बार फिर से जीवित कर दिया है।