देवयानी कहतीं हैं 'री-स्टोर' का उद्देश्य सिर्फ गरीब लोगों की मदद करना नहीं है बल्कि वह यह भी सन्देश देना चाहतीं हैं कि हम सबको रियूज, रिसायकल के सिद्धांत को समझना चाहिए!
66 वर्षीया रीटा, प्लास्टिक की थैलियों से खूबसूरत बैग, चटाई और बास्केट जैसी चीजें बना रही हैं। इन सभी उत्पादों को वह अपनी सोसाइटी में काम करने वाले स्टाफ को बाँट देती हैं!
आपको सिर्फ इस्तेमाल न की जाने वाली चीज़ों का फोटो अपलोड करना है, इसके बाद आकांक्षा की दानपत्र टीम 7 से 21 दिनों के भीतर आपके घर आकर सामान ले लेगी और एक तय दिन में ज़रूरतमंदों में बाँट देगी।