सोलापुर बार्शी के विनया और महेश निम्बालकर ने सड़क किनारे रहने वाले प्रवासी मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का बीड़ा उठाया। कई चुनौतियों का सामना करते हुए, आख़िरकार 2015 में उन्होंने ‘स्नेहग्राम’ विद्यालय की स्थापना की। यह स्कूल पूरी तरह से सामुदायिक सहायता से चलता है।