पंजाब के 65 वर्षीय प्रेमचंद पिछले 40 वर्षों से गन्ना (Sugarcane farming), आलू, गेहूं और बीट जैसे फसलों की खेती कर रहे हैं। अपने खेत में वह तीन तरह के गुड़ बनाते हैं, जिससे उन्हें डेढ़ गुना अधिक कमाई हो रही है।
पंजाब के फाजिल्का में गांव ढिंगावाली के रहने वाले 60 वर्षीय किसान, सुरेंद्र पाल सिंह अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के साथ-साथ, देसी कपास की भी जैविक खेती करते हैं। वह खुद अपने कपास की प्रोसेसिंग कर, इससे त्वचा के लिए उपयुक्त जैविक कपड़े भी बनवा रहे हैं।
पंजाब के अमृतसर जिला के धरदेव गाँव के रहने वाले मंदीप को मशरूम खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए साल 2017 में आईसीएआर द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।