कर्नाटक के एचडी कोटे तालुका की आदिवासी महिला, प्रेमा ने कपास और मकई की पारंपरिक खेती करना छोड़, सुपर फूड चिया की ओर रुख किया। आज वह इस खेती से तीन गुना ज्यादा कमा रही हैं।
पंजाब के फाजिल्का में गांव ढिंगावाली के रहने वाले 60 वर्षीय किसान, सुरेंद्र पाल सिंह अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के साथ-साथ, देसी कपास की भी जैविक खेती करते हैं। वह खुद अपने कपास की प्रोसेसिंग कर, इससे त्वचा के लिए उपयुक्त जैविक कपड़े भी बनवा रहे हैं।