वडोदरा की एम.एस यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही 27 वर्षीया सुमी हलदर ने कमल की डंडी से ईको-फ्रेंडली कपड़ा (Organic Fiber) तैयार किया है। अब वह इसे एक व्यवसायिक रूप देने के लिए, दूसरी महिलाओं को भी यह काम सीखा रहीं हैं ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।
पंजाब के फाजिल्का में गांव ढिंगावाली के रहने वाले 60 वर्षीय किसान, सुरेंद्र पाल सिंह अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के साथ-साथ, देसी कपास की भी जैविक खेती करते हैं। वह खुद अपने कपास की प्रोसेसिंग कर, इससे त्वचा के लिए उपयुक्त जैविक कपड़े भी बनवा रहे हैं।