संदीप ने मात्र 4 हज़ार रूपये देकर मशरूम की खेती की एक हफ्ते की ट्रेनिंग ली थी, जिसमें उन्हें ट्रेनिंग सेंटर पर रहना खाना भी मुफ्त था। ट्रेनिंग का ही यह नतीजा है जो संदीप मशरूम की खेती में इतना अच्छा कर पा रहे हैं।
"अगर आपके आस-पास हरियाली है तो चाहे आप कितने भी तानव में हों, एक सकारात्मक ऊर्जा आपको ज़रूर मिलती है। यही सोचकर मैंने लाइब्रेरी में भी पेड़ लगाए ताकि वहां बैठकर पढ़ने वाले बच्चों का मन इन्हें देखकर शांत और खुश रहे।"