प्राची ठाकुर, बिहार के एक गांव में पली-बढ़ीं, जहां लड़कियों की शादी अक्सर 10वीं कक्षा के तुरंत बाद कर दी जाती है। लेकिन जब गांव में रहनेवाले कई लोग अपनी-अपनी बेटियों की शादी के लिए दहेज़ इकट्ठा कर रहे थे, तब प्राची के पिता ने अपनी कमाई का सारा पैसा बेटी की शिक्षा पर खर्च किया।