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Menstruation Matters

इस्तेमाल के बाद मिट्टी में दबाने पर खाद में बदल जाता है यह इको-फ्रेंडली सैनिटरी नैपकिन!

By निशा डागर

फ़िलहाल, भारत में 30 से भी ज्यादा आनंदी पैड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं जो 12 अलग-अलग राज्यों में फैली हैं। इन सभी यूनिट्स को महिलाओं द्वारा ही चलाया जा रहा है!

पंचायत की पहल; गाँव की 500 महिलाएँ अब इस्तेमाल करती हैं मेंस्ट्रुअल कप!

By निशा डागर

मुहम्मा गाँव में पानी के स्त्रोतों की सफाई के दौरान सैनिटरी नैपकिन्स और डायपर्स के ढेर निकलने के बाद पंचायत ने ये ठोस कदम उठाया।

बिहार का पहला खुला शौच-मुक्त गाँव अब है बेफ़िक्र-माहवारी गाँव भी; शिक्षकों ने बदली तस्वीर!

बिहार में केवल 15-25 साल की केवल 31 प्रतिशत महिलाएं ही सुरक्षित रूप से अपने माहवारी का प्रबंधन करती है। ऐसे में इस तरह के सकारात्मक पहल हमें एक नए भविष्य की उम्मीद दिलाते हैं, जहाँ किशोरियों को भी बिना किसी भेद-भाव के अपने अधिकार मिले और वे लड़कों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल सकें!