यह कहानी है सविता डकले की, जिन्होंने न सिर्फ अपनी इस आम कहानी को अपनी मेहनत और लगन से ख़ास बनाया बल्कि अपने गाँव की दूसरी महिलाओं को भी अपने नक़्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित किया।
पहले शहर की गन्दगी की ओर लोगों का रवैया बेहद उदासीन था, लेकिन उनकी खूबसूरत पेंटिंग्स ने वो कमाल कर दिखाया है कि अब लोग अपनी मर्ज़ी से इन खूबसूरत दीवारों के आसपास साफ़-सफाई रखने लगे हैं।